हरियाणा बिश्नोई समाचार नेटवर्क हिसार। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक और भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मुकाम पीठाधीश्वर स्वामी रामानंद को भेजे इस्तीफे में कहा कि वह ज्यादा सक्रिय रूप से समाज को समय नहीं दे पाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने स्वामी रामानंद को महासभा का नया संरक्षक नियुक्त कर चुनाव करवाने के लिए 29 सदस्यीय समिति का गठन किया है। उन्होंने एक्स पर वीडियो पोस्ट शेयर कर इसकी जानकारी दी।
इस्तीफे में कुलदीप बिश्नोई ने कहा है कि समाज ने उन्हें महासभा के संरक्षक की जिम्मेदारी सौंपी थी। मैनें पिछले करीब 12 साल से पूरी ईमानदारी और महासभा के संविधान की मर्यादा का सम्मान करते हुए संरक्षक पद और एक वर्ष तक महासभा के अध्यक्ष की जिम्मेदारी का निर्वहन किया है।
फाईल फोटो
इस दौरान काफी प्रयास किया कि समाज में आपसी भाईचारा व एकजुटता बनी रहे और समाज के गौरव पर किसी तरह की आंच न आए। पर अब ज्यादा सक्रिय रूप से समाज को समय नहीं दे सकेंगे। इसे देखते हुए मैं महासभा के संरक्षक पद से इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने कहा, मुझे कभी पद की लालसा नहीं रही। हरियाणा में उपमुख्यमंत्री पद से लेकर केंद्र में मंत्री पद तक को ठुकराया है, क्योंकि मेरे लिए सिद्धांत और जमीर ज्यादा मायने रखते हैं। समाज को जब भी जरूरत पड़ेगी, मेरे घर के दरवाजे खुले रहेंगे। उन्होंने कहा, जब से बिश्नोई सभा का कामकाज संभाला, कभी समाज के पैसे से एक कप चाय तक नहीं पी। हमेशा समाज को देने का काम किया और आगे भी करता रहूंगा।
चुनाव के लिए समिति का किया गठन
कुलदीप बिश्नाई ने महासभा की नई कार्यकारिणी के चुनाव को लेकर समिति का गठन किया। इसका पत्र भी उन्होंने एक्स पर शेयर किया है। इसमें उन्होंने कहा कि महासभा की कार्यकारिणी का चुनाव 2 अगस्त 2015 को हुआ था। इसके बाद कोविड की वजह से वर्ष 2020 तक नई चुनाव प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। समाज के बुद्धिजीवी नागरिकों के साथ विचार विमर्श के बाद महासभा के चुनाव के लिए 29 सदस्यीय समिति का गठन किया है, जो पूरी प्रक्रिया का संचालन करेगी।
ऐसा प्रधान चुनें जो नशा न करता हो
कुलदीप ने कहा, नए संरक्षक स्वामी रामानंद की देखरेख में ही चुनाव होंगे। नया प्रधान फाल्गुनी मेले से पहले बन जाए, ऐसा प्रयास करना चाहिए। उन्होंने अपील की कि समाज के लोग ऐसा अध्यक्ष चुनें जो समाज को जोड़ने का काम करें। 29 नियमों का पालन करें और जो नशा न करता हो। गौरतलब है कि चुनाव में चंदा लेने के आरोप लगाने के बाद कुलदीप बिश्नोई ने महासभा के अध्यक्ष देवेंद्र बुड़िया को हटा दिया था। इसके बाद बुड़िया ने कुलदीप बिश्नोई को संरक्षक पद से हटा दिया। बीते दिनों महासभा के कार्यकारिणी के 21 में से 14 सदस्यों ने मुरादाबाद रजिस्ट्रार सोसाइटी को पत्र देकर कुलदीप बिश्नोई को महासभा के संरक्षक पद से हटाने को असांविधानिक करार दिया था।
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