वन और वन्यजीव संरक्षण का या कानून बनाने की मांग मुकाम में गूंजी

समाज का वरिष्ठ प्रतिनिधि मंडल मिलेगा मुख्यमंत्री से
अनिश्चितकालीन धरना खेजड़ला की रोही में जारी रहेगा


राजस्थान बिश्नोई समाचार बीकानेर नोखा वरिष्ठ पत्रकार रामरतन बिश्नोई प्रदेश में पेड़ो की अवैध कटाई और वन्यजीवों का अवैध शिकर की घटनाओं को लेकर बिश्नोई समाज एवं प्रकृति प्रेमी लोग लबें समय से चिंतित थे। सोलर प्लांट लगाने की आड़ में राज्य वृक्ष खेजड़ी की हो रही अंधाधूंध कटाई रोकने के लिए पर्यावरण संघर्ष समिति का घटना पर गत 18 जुलाई से जिले के गांव खेजड़ला की रोही में अनिश्चित कालीन धरना शुरू किया गया था। उक्त आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए भावी रूप रेखा तैयार करने की योजना में अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा एवं पर्यावरण संघर्ष समिति के संयुक्त तत्वाधान में निकटवर्ती ग्राम मुक्तिधाम मुकाम में एक आम सभा आहूत की गई। जिसमें राजस्थान के 10 जिलों के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। 


मुकाम पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी रामान्दन जी महाराज सहित संतो के सानिध्य में आम सभा ने चार घंटो तक चिंतन मंथन किया। समारोह की अध्यक्षता महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेन्द्र बूड़िया ने की। श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीव रक्षा प्रदेश संस्था राज. के अध्यक्ष रामरतन बिश्नोई ने आम सभा की भूमिका बनाते हुए बिश्नोई समाज द्वारा प्रकृति बचाने के लिए किए गये बलिदानों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 539 वर्ष पहले राजस्थान रेगिस्थान था तब बिश्नोई धर्म के संस्थापक गुरू जम्भेश्वर भगवान ने वनस्पति को सजीव बताया उन्होंने वृक्ष नहीं काटना और वन्य जीवों की सुरक्षा करना मानव धर्म बताया। जाम्भौजी की बात को अंगिकार करते हुए बिश्नोई धर्म के अनुयाईयों ने खेजड़ी को बचाने के लिए चार बार बलिदान दिये थे जिसमें चौथा बलिदान अमृता देवी बिश्नोई के नेतृत्व में विक्रम सम्वत 1787 में हुआ था जिसमें जोधपुर के पास खेजड़ली गांव में 363 लोग पेड़ो के चिपक कर शहीद हो गये थे। उसके बाद राजस्थान के सभी राजघरानों ने पेड़ो की कटाई पर प्रतिबंध लगा दिया था। आज तीन सौ वर्षो बाद फिर पेड़ो पर सामत आई और विकास के नाम पर प्रकृति का विनास किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि भारत के 10 राज्यों के प्रकृति संरक्षण के लिए वृक्ष सुरक्षा अधिनियम बने हुए हैं उसी तर्ज पर राजस्थान में भी विशेष कानून बनाकर प्रकृति को बचाया जाना जरूरी हैं।  
मुकाम पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी रामान्दन जी महाराज ने शांतिपूर्ण ढंग से आन्दोलन को जारी रखने की बात कहीं। समाज का विशेष प्रतिनिधि मंडल बनाकर गम्भीरता से चर्चा करके राजस्थान के मुख्यमंत्री से मिलकर राजस्थान पेड़ सुरक्षा अधिनियम बनाने की मांग पुरजोर तरीके से की जाये। महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेन्द्र बूड़िया ने नया कानून बनाने के लिए समाज के लोगो का उत्साह एवं उनकी त्याग की भावनाओं की प्रशंसा की और कहां की संतो को साथ रखकर समाज के अग्रेणी लोग मुख्यमंत्री से मिलेगें। आवश्यक हुआ तो केंद्र सरकार तक जायेगें। नया कानून बनने तक संघर्ष जारी रखा जायेगा। उन्होंने आज की सभा के बाद एक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि मंडल का गठन भी कर दिया हैं। 


स्वामी भागीरथदास शास्त्री धरना जारी रखने की बात कही समाज के राजनेता धर्मनेता और पर्यावरण प्रेमियों को एकजुट होकर नया कानून बनाने के प्रयास तेज करने के निर्देश दिये। 
स्वामी लालदास जी महाराज ने इस क्षेत्र में काम करने वाली सभी संस्थाओं को साथ लेकर संगठित आंदोलन जारी रखने की मांग की।
आचार्य स्वामी कृपाचार्य जी महाराज ने कहा कि आन्दोलन का नेतृत्व निस्वार्थ निष्कपट और ईमानदार लोगों के हाथ में रहेगा तभी आन्दोलन सफल होगा। जाम्भौजी की आज्ञा मानकर धर्म रक्षा का भाव लेकर किसी भी शर्त के साथ समाझौता नहीं करने वाले। अग्रणी लोगों के नेतृत्व में आंदोलन जारी रखा जावे। धरातल पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को इनके मेहनत का फल मिलना चाहिए। 
पांचलासिद्धा जसनाथ पीठ के आचार्य स्वामी सुरजनाथ जी महाराज ने कहा कि बिश्नोई समाज का प्रकृति से जुड़ाव है जो अध्यात्मिक जागृति का परिणाम हैं। जाम्भौजी ने पेड़ा का जीवन महसूस किया था प्रकृति बचाने के नाम से बिश्नोई समाज ने विश्व में पहचान बनाई हैं। यह पहचान तभी कायम रहेगी जब हम जाम्भौजी की शिक्षा पर चलेगें। आन्दोलन का नेतृत्व सही होगा तभी नया कानून बनकर प्रकृति की रक्षा हो पायेगी व पुरा विश्व आपके साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने कहा कि पेड़ काटने वाले अज्ञानी हैं पेड़ अनमोल है उनको काटने से सभी को नुकसान होता हैं। 


नोखा के उद्योगपति राजाराम धारणियां ने आन्दोलन का बीड़ा उठाने वालो को धन्यवाद दिया और कहा यह परीक्षा की घड़ी है हमें मजबूत रहेना हैं व मजबूत कानून बनाने में सफलता हांसिल करनी है। 

आरके मेघवाल ने प्रकृति बचाओ आन्दोलन को समय की आवश्कता बताया और मुक्तीधाम मुकाम को पर्यावरण के क्षेत्र में विश्व की राजधानी घोषित करने की मांग कहीं।
महासभा के महासचिव रूपाराम कालीराणा ने आन्दोलन को आगे बढ़ाने के लिए भेदभाव रहित उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर सरकार से मिलने और नया कानून बनाने के प्रयास जारी रखने की बात कहीं।

डॉ. मधु बिश्नोई ने कहां की हम वीरो के वंशज है प्रकृति बचाने के लिए हम योद्धा बनकर तैयार हैं संघर्ष जारी रखेगें। उन्होंने निजी स्वार्थ और व्यक्तिगत राग द्वेष को त्याग कर कानून बनने तक संघर्ष जारी रखने की अपील की।
 
रामगोपाल बिश्नोई ने बताया कि जो बीकानेर जिले में गत सात वर्षो में लगभग 70 हजार खेजड़ियो की कटाई हुई यह क्षेत्र भविष्य में सौलर हब बनने जा रहा है जिससे पेड़ कट कर भूमि विरान होने की संभावना बलवति हो गई है। खेजड़ी काटने वाले पर 2 लाख का जुर्माना व 10 साल जेल का प्रावधान होना चाहिए। कानून बनने से पहले आन्दोलन जारी रहेगा। आवश्यक हुआ तो बड़ी तैयारी के साथ विधानसभा घेराव की योजना भी बनाई जायेगी।

श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था बीकानेर के जिला अध्यक्ष महीराम दिलोईया ने कहा कि जहां धरना जारी है वहां सोलर कम्पनी 10 हजार पेड़ काटने की तैयारी में है उनकी कटाई प्रतिबंध लगना चाहिए। 

कमल सिंह यादव हरियाणा से आये उन्होंने कहां कि पेड़ लगाना आम बात है मगर पेड़ बचाना खास बात है उन्होंने हरियाणा की प्रकृति बचाने वाले कानून की जानकारी दी और राजस्थान में सख्त कानून बनाने की मांग ऊठाई।
लंदन प्रवासी डॉ. सविता आसोपा ने आन्दोलन में मातृत्व शक्ति को शामिल करने की अपील की। प्रकृति का सही प्रबंधन नहीं होने के कारण पेड़ो की कटाई से आम लोगो को नुकसान हो रहा है भारत का वातावरण अच्छा नहीं लगता हैं। प्रकृति बचाने के लिए जो नया कानून प्रस्तावित है उसमें लंदन की तर्ज पर ढाईलाख रूपये जुर्मना व जेल का प्रावधान होना चाहिए। 

अखिल भारतीय जम्भेश्वर सेवकदल के पूर्व अध्यक्ष रामसिंह कस्वा ने समस्त सेवको की और से आन्दोलन में पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की। सांचौर से डॉ. दिनेश जाणी ने कहा कि वृक्षो की कटाई रोककर सांस बचाने की लड़ाई जारी रखी जावे। नया कानून बनने तक संघर्ष जारी रखने का प्रण लें। महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रामस्वरूप धारणिया ने कहा कि प्रदेश की चालीस विधानसभा क्षेत्रों में बिश्नोई समाज के मतदाता अपना प्रभाव रखते है इसलिए उक्त सभी विधायकों को साथ लेकर नया कानून बनाने की आवाज सरकार तक पहुंचाई जावे। 

जम्भसार मीडिया के निदेशक एवं गौरव सैनिक बीरमाराम लेघा तथा सुरेश बिश्नोई जालौर बिश्नोई मीडिया ने आज के कार्यक्रम को रिकॉर्ड किया ओर अपने अपने प्लेटफार्म पर प्रसारित करेंगे । सुरतगढ़ के युवा नेता अमित कड़वासरा, नोखा के सुनिल भाम्भू, उद्योगपित बनवारी लाल डेलू, सुरतगढ़ के दिनेश धारणियां, बज्जू के सहीराम पूनियां, लखासर के विकास धारणियां, तिलवासनी के राणाराम नैण, लोहावट के भजनाराम धीराणी, बीकानेर के मोखराम धारणियां, डाबला के संदीप कड़वासरा, जोधपुर के ओम लोल, बीकानेर के रामस्वरूप धायल, राजाराम सीगड़, स्वामी बालाचार्य, शिवराज जाखड़, जयमलसर के किसनाराम चौधरी सहित 35 वक्ताओं ने प्रकृति बचाने के लिए नया कानून बनाकर राज्य वृक्ष खेजड़ी की कटाई पूर्णतया प्रतिबंधित करने और बिना पेड़ काटे सोलर प्लांट लगाने की मांग को गुंजाईमान किया। 

प्रदेश के विभिन्न जिलो से आये सैंकड़ो प्रकृति प्रेमियों ने हर वक्ता के साथ जाम्भौजी की जय के जयकारे लगाकर अपना उत्साह दिखाया। उल्लेखनीय है कि गत 18 जुलाई से जारी किया गया अनिश्चित कालीन धरना आठवे दिन जारी रहा। पर्यावरण संघर्ष समिति के मुख्य कार्यकर्ता सुभाष भाम्भू खारा ने विस्तृत जानकारी देते हुए मंच का संचालन किया। जीव रक्षा बिश्नोई सभा के जिला अध्यक्ष रिछपाल फौजी ने आयोजन की व्यवस्था संभाला।

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