माँ ने संघर्ष कर पढ़ाया परिवार को, अब पूरा परिवार सरकारी नौकरी में

बचपन में उठा पिता का साया ,माँ ने संघर्ष कर पढ़ाया परिवार के चारों भाई-बहन ने सरकारी सेवा में चयनित

 
राजस्थान बिश्नोई समाचार सांचौर कहते हैं न, विपरीत परिस्थितियों में भी जिनके हौसलें बुलंद होते है उनके सफलता के मार्ग में कोई तूफान आड़ा नहीं बन सकता। आज हम बात करेंगे सांचौर जिले  की चितलवाना तहसील के गाँव रामद्वारा सिवाड़ा के परिवार के 4 भाई-बहनों की जिन्होंने घर के हालात अच्छे नहीं होने के बावजूद भी कभी धैर्य नहीं खोया बल्कि मुसीबतों का सामना करते हुए हिम्मत से आगे बढ़कर अपनी मुकाम को प्राप्त किया।
परिवार में तीनों भाई जब महज 12 साल से भी छोटे थे तभी इनके पिता की मृत्यु हो गई, जिसके बाद घर की हालात बिगड़ने लगी। 

मां ने कठिन संघर्ष कर अपने बेटों को पढ़ाया
परिवार एक तो पहले से हीं कठिन परस्थितियों की मार झेल रहा था और पिता के अचानक मृत्यु के बाद इनके परिवार पर दुखों का पहाड़ गिर गया। लेकिन मां ने इनके अरमानों को टूटने नहीं दिया और मेहनत व संघर्ष कर अपने बेटे - बेटी को पढ़ाया।
सरकारी नौकरी पाने के लिए चारों भाई-बहन  पूरे मन से पढ़ाई करते थे और आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उनका चयन   सबसे पहले परिवार की बड़ी बेटी सुमन का वर्ष 2016 में ANM के तौर पर हुआ फिर माँ के साथ बहन ने भी भाईयों की पढ़ाई में मदद कर आये बढ़ने में मददगार साबित हुईं फिर उसके बाद पुत्र हनुमान साहू का वर्ष 2020 में पशुधन सहायक के रूप में चयनित होकर परिवार में खुशियों की शुरुआत हुई l 
वर्ष 2022 में पुत्र हनुमान की अर्धांगिनी भाग्यंवती भी अपने 1 साल के पुत्र को छोड़ वैकुंठ धाम चलीं गयी परिवार में आयीं सब खुशियाँ मानों धाराशायी ही हो गयीं हो 
वर्ष 2022 के गमों को भुलाने के लिए वर्ष के अत: में आये अध्यापक भर्ती के परिणाम में पुत्र अनिल का अध्यापक के रूप में चयनित होना परिवार में फिर से खुशियों का आगमन था 
एमबीबीएस में हुआ चयन
सबसे छोटे पुत्र प्रकाश का गत दिवस में आये एनटीए के रिजल्ट में 620 अंकों के साथ मेडिकल कॉलेज में चयन का रास्ता साफ हो गया l

परिवार में चारों भाई-बहन सरकारी नौकर बन लोगों के लिए बने प्रेरणा
प्रदेश के अलग-अलग विभागों में चयनित होकर अपनी पहचान बनाई है. सभी चारों भाई-बहन आज सरकारी कर्मचारी हैं जो गर्व और समर्पण के साथ अपनी सेवा  दे रहे हैं. उनकी कहानी उनके परिवार व जिले में सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है, खासकर उन बच्चों के लिए जो परिस्थितियों से हार कर संघर्ष का मैदान छोड़ देते हैं

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