राजस्थान बिश्नोई समाचार जोधपुर - विश्वभर में 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस पर अलग अलग तरीके से कार्यक्रम आयोजित किए गए। साल 1970 से विश्वभर में पृथ्वी दिवस का आयोजन होता आ रहा है। विश्व के 190 से अधिक देशों में सत्तर हजार से अधिक कार्यकर्ता इस पर्यावरण चेतना अभियान को आगे बढ़ा रहें हैं। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए शनिवार को देवभूमि उत्तराखंड के हरिद्वार में ट्री ट्रस्ट ऑफ इंडिया,प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड तथा एकम्स के संयुक्त तत्वावधान में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिनमें भारतवर्ष की पांच महिलाओं को सम्मान किया गया। इस समोराह में राजस्थान के जोधपुर जिले की घंटियाली तहसील के ग्राम पंचायत भोजासर की बेटी भंवरी बिश्नोई को "अर्थ स्टार अवॉर्ड" से सम्मानित किया गया। ग्रीनमेन विजयपाल बघेल ने कार्यक्रम में बोलते हुए पर्यावरण संरक्षण में बिश्नोई समाज की महती भूमिका एवम पेड़ो के लिए शहीद हुए 363 नर नारियों का जिक्र किया। जोधपुर के खेजड़ली में विश्व के एकमात्र अनूठे बलिदान का जिक्र करते हुए बघेल ने कहा कि इस कार्यक्रम में भारतवर्ष की पांच महिलाओं में शामिल अवार्ड धारी भंवरी विश्नोई उन महाबलिदानियो की वंशज है जो मां अमृता देवी के नक्शे कदम चलते हुए इस मुकाम पर हम सबके सामने पहुंची है। अवार्ड मिलने के बाद श्रीमती भंवरी विश्नोई ने कहा की जब से मैं समझने लगी तब से मन में यह ठान लिया था की लोगो के तानों से ऊपर उठकर वो कार्य करूंगी जो मुश्किल ही नहीं अपितु बेमुशकील है। सीनियर तक की पढ़ाई करने के बाद बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए मैने एक एनजीओ ज्वाइन किया जिसके फलस्वरूप नारी शक्ति को सशक्त करने के लिए सामाजिक एवम धार्मिक मंचो तक का सफर किया। उसके साथ साथ धार्मिक एवम सार्वजनिक स्थलों को साफ सुथरा रखने के लिए टीम खम्मूराम बिश्नोई से जुड़ी उसके बाद पोधारोंपन एवम गांव में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए टीम आगाज के साथ जुड़कर अनेक ऐसे कार्यों में हाथ बटाया जो एक महिला के लिए मुश्किल था लेकिन परिवार एवम समाज के युवाओं को सकारात्मक सोच के जरिए आज इस मुकाम पर पहुंची हूं। यह अवार्ड मैं मेरे परिवार को समर्पित करती हूं जिन्होंने मुझे कभी भी यह महसूस नहीं करने दिया की पुरुष प्रधान देश में महिलाए कुछ नही कर सकती। उन्होने बताया की महिलाएं किसी से कम नहीं हैं यदि वो ठान ले तो धरातल पर कार्य को आगाज से अंजाम तक पहुंचाती हैं। ज्ञात रहे की भंवरी बिश्नोई को दर्जनों ऐसे सम्मान मिले है जो नारी सशक्तीकरण और सामाजिक क्षेत्र हर किसी को नही मिलते।
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