क्रिकेटर चैतन्य बिश्नोई ने दूसरे समाज में सगाई करने पर भड़की बिश्नोई समाज, लोगों ने महासभा को सुनाई खरी-खरी

राजस्थान बिश्नोई समाचार दिल्ली आदमपुर के पूर्व विधायक कुलदीप बिश्नोई के बेटे क्रिकेटर चैतन्य बिश्नोई ने सृष्टि अरोड़ा खत्री से सगाई की है। इस सगाई के बाद से बिश्नोई समाज के कुछ वर्गों में इस मामले पर असंतोष गुस्सा और आक्रोश देखने को मिल रहा है। चैतन्य बिश्नोई हरियाणा से रणजी और आईपीएल में भी खेलते हैं।

बिश्नोई समाज के संतों ने भी सोशल मिडिया पर इस संगाई को लेकर अपने विचार रखे हैं। लालासर साथरी के महंत स्वामी सच्चिदानंद आचार्य जी ने बात को गहराई से भरे शब्दों में लिखा था पर उन्होंने इस बात को साफ नहीं किया कि यह लाईने किस के लिऐ है पर देखा जाये तो यह संगाई जब चर्चा में आई तब अगर पोस्ट आये तो सीधा सम्बन्ध उसी चर्चा से है। 
"यदि किसी की कलाई-घड़ी ख़राब होती है तो केवल एक व्यक्ति की समय-सारिणी ख़राब होती है।परंतु घंटाघर की घड़ी सामयिक मर्यादा छोड़ती है तो,समूचे शहर का शेड्यूल प्रभावित होता है।घंटाघर पूरे नगर का समयप्रबंधा होता है।यही बात समाज पर भी लागू होती है। “यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जनः”



बिश्नोई समाज के एक जाने-माने लेखक कैलाश मांजू बिश्नोई ने ट्वीट कर इस मामले की निंदा करते हुए कहा कि वह बिश्नोई महासभा के दोगलापन के व्यवहार के पूरी तरह खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई आम आदमी का लड़का दुसरे समाज में शादी कर लेता है तो बिश्नोई महासभा और उनके तथाकथित पंच उनका जीना हराम कर देते हैं। कैलाश बिश्नोई ने कहा कि इनके बच्चे खुद सारी हदें लांग रहे हैं‌। यह लोग मंच पर कुछ और बोलते हैं और जीवन में कुछ और करते हैं। बड़े भाई की सगाई भी सामाजिक दबाव में टूटी थी

इससे पहले कुलदीप बिश्नोई के बड़े बेटे भव्य की दक्षिण की अभिनेत्री पीरजादा से सगाई हुई थी, जिसे समाज के दबाव के बाद तोड़ दिया गया था। चंद्र मोहन बिश्नोई का मामला भी जगजाहिर है।

कई लोगों ने ट्वीट कर दी बधाई 

जहां बिश्नोई समाज के एक वर्ग में इस सगाई को लेकर आक्रोश देखने को मिल रहा है तो वहीं समाज के कई लोगों ने उन्हें उनकी सगाई की बधाइयाँ भी दी।

बिश्नोई समाज के गणमान्य नेता इस संगाई पर अपने विचार रखने से दूरी बना रहे हैं। 

कुछ प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने सोशल मीडिया पर लिखा कि यह विरोध उस संगाई या चैतन्य बिश्नोई का नहीं है और न ही कुलदीप बिश्नोई का यह विरोध उस पद का है जो कुलदीप जी के पास है अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा बिश्नोई संरक्षक व बिश्नोई रत्न का, क्यों कि बिश्नोई समाज अन्य समाज से अलग है उनके नियम है विचार धारा अलग है पर्यावरण संरक्षण की विचार धारा है।

बिश्नोई समाज में अगर कोई समाज के प्रतिष्ठित व्यक्ति अगर समाज के मार्ग दर्शक है या समाज के किसी छोटी या बङी संस्थान से जुङे है और समाज से बहार जाकर नियमो को तोङते है तो उनको पद छोङना होता है।




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