बिश्नोई ने WhatsApp से जुटाए 7.50 लाख:सोशल मीडिया ग्रुप से मांगी थी परिवार के लिए मदद

राजस्थान बिश्नोई समाचार जोधपुर एक दोस्त ने अपनी दोस्ती कुछ ऐसे निभाई कि इस दुनिया से दोस्त के रुख़सत होने के बाद उसके परिवार के लिए संबल बना। यह कहानी है जोधपुर के जाजीवाल धोरा गांव के मुकेश और हरदेव बिश्नोई की।
हरदेव व मुकेश की एक फोटो चारपाई पर हरदेव। मुकेश ने यह सेल्फी ली थी।

मुकेश ट्रक ड्राइवर था। जुलाई 2022 में वह बीमार हुआ, घरवालों ने इलाज करवाया लेकिन 4 जुलाई 2022 को उसकी मौत हो गई। उसी के गांव जाजीवाल धोरा का रहने वाला हरदेव बिश्नोई मुकेश का अच्छा दोस्त था। हरदेव ने मुकेश की मौत के बाद उसके परिवार को संबल देने की ठानी।

मुकेश के पतिवार में पत्नी, मां, तीन बेटियां और एक बेटा है। मुकेश की मौत के बाद परिवार पर संकट आया तो हरदेव ने जुलाई 2022 में ही एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया और उसमें मुकेश के पारिवारिक स्थिति के बारे में जानकारी डाली। इसके साथ ही उसने भामाशाहों से पीड़ित परिवार की मदद की अपील की।


एक सप्ताह में जुटा लिए 7.5 लाख

हरदेव ने बताया कि मुकेश की मौत के बाद उसके परिवार में तीन बेटियां, एक बेटा, पत्नी और मां की देखभाल करने वाला कोई नहीं था। इसीलिए वॉट्सऐप ग्रुप से मदद का आह्वान किया। जोधपुर व आसपास के क्षेत्रों से भामाशाहों ने एक सप्ताह में ही 7.5 लाख रुपए जुटा लिए। मृतक मुकेश का बेटा सिर्फ 10 माह का है।

प्लॉट खरीद कर मुकेश की पत्नी के नाम करवाया

वॉट्सऐप ग्रुप में जो सहयोग राशि प्राप्त हुई उसके बाद हरदेव ने मुकेश की पत्नी के नाम एक प्लॉट खरीदा। बची हुई राशि उसने मुकेश के बच्चों के नाम पर एफडी करवा दी। पिछले वर्ष दिसंबर के अंत में हरदेव ने मुकेश की पत्नी को प्लाट के कागज और एफडी के दस्तावेज सुपुर्द किए।

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