राजस्थान बिश्नोई समाचार बाङमेर धोरीमन्ना उपखण्ड के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय पाबूबेरा में कार्यरत पर्यावरण प्रेमी स्टेट अवार्डी शिक्षक जगदीश प्रसाद विश्नोई ने कोठाला गांव से सुबह के समय जब दो कुत्तों ने ब्हायी हरिणी व उसके बच्चे का पीछा किया तब हरिणी ने अपने छोटे बच्चे के बचाव के लिए कुत्तों से सामना करने की कोशिश की तब उसके रोने की आवाज विद्यालय आ रहे बच्चों को सुनाई दी तब बच्चे उस तरफ भागे तब बच्चों की आवाज सुनकर कुत्ते भाग गये बच्चों ने नजदीक जाकर देखा तो हरिणी के खून बह रहा था उसका बच्चा पास में बेठा था तब बच्चों ने राहगीर से फोन लेकर मुझे फोन किया तब मे विद्यालय से तुरंत प्रभाव घटना स्थल पहूंच कर घायल हरिणी का प्राथमिक उपचार किया लेकिन हरिणी के बहुत ज्यादा खुन बहाव से थोङी देर बाद मौत हो गयी तब हमने हरिणी का हिन्दू रिवाज से वहां अंतिम संस्कार किया व उसके बच्चे का रेस्क्यू कर मेरे निजी वाहन से मां अमृतादेवी वन्यजीव संरक्षण संस्थान कातरला को सुपूर्द कर दिया। शिक्षक विश्नोई ने बताया कि जीव जंतुओ की सेवा करना मानव का धर्म हैं हमें हर समय इन जंतुओं की जान बचाने की कोशिश रहनी चाहिए इन जीव जंतुओं के कारण ही प्राकृतिक संतुलन बना रहता है वर्तमान समय की आधुनिकता ने इन जीव जंतुओं की जीवनशैली को बहुत प्रभावित कर दिया है इनकी संख्या लगातार घटती जा रही है जो हमारे लिए चिंता का विषय है।
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