29 नियमो की परिधि मे रहकर ही जीवन को सफल बनाया जा सकता है -राधेशानंद आचार्य

विशाल यज्ञ मे आहुति दे ,की क्षेत्र की खुशहाली की कामना पचास प्रतिभाओ का हुआ सम्मान।

राजस्थान बिश्नोई समाचार जोधपुर पत्रकार लक्ष्मण सिंह विश्नोई निकटवर्ती ग्राम तिलवासनी स्थित गुरू जम्भेश्वर मंदिर प्रांगण मे चल रही सात दिवसीय श्रीमद भागवत हरिकथा का समापन रविवार को विशाल यज्ञ मे पूर्णाहुति के साथ समाप्त हुई।विशाल यज्ञ मे घी खोपरो की आहुति देकर पर्यावरण शुद्धि एव क्षेत्र मे खुशहाली की कामना की गयी । 

अंतिम दिन उपस्थित सर्व समाज के श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथावाचक संत राधेशानंद आचार्य महाराज ने कहा कि गुरू जम्भेश्वर जी बनाये गये उनतीस नियमो की परिधि मे रहकर कोई भी व्यक्ति अपना जीवन सफल बना सकता है ।यदि आदमी इन नियमो का पालन करता है तो उसके जीवन मे कोई कठिनाई नही आ सकती ।सभी को पर्यावरण एव संस्कृति को बचाये रखने के लिए गुरू जम्भेश्वर के बताये पद चिन्ह पर चलना चाहिए ।अपनो से बडो एव गुरूजनो का सम्मान करना चाहिए ।गुरू ही संसार से पार कर सकता है ।
कथा को संबोधित करते हुए विद्वान संत राधेश्यानंद ने कहा कि आधुनिकता की चकाचौंध से बचकर हमे भगवान की भक्ति करनी चाहिए,शब्दवाणी का उल्लेख करते हुए कहा कि आयो हकारो जीवणो बुलायो, के जीवणा ते करण कमायो अर्थात मनुष्य जीवन मिला है तो हमे हमेशा सत्कर्म करना चाहिए, जीवन भर का लेखाजोखा हमे आगे जाकर भगवान को देना है ,इसलिए जीवन मे अच्छे कार्य करो।

विश्नोई मंदिर तिलवासनी मे कथा के अंतिम दिन विशाल अग्नि कुड मे गी खोपरो की आहुति के साथ एक सो बीस शब्दो के साथ पाहल बनाकर उसका वितरण किया गया,कथा समापन कार्यक्रम के अतिम दिन महा प्रसादी का आयोजित की गयी,जिसमे तिलवासनी,चिरढाणी,लाम्बा,रावर ,मून्दो की ढाणी ,जाणीनगर,सारणो की ढाणी, रामनगर सहित आसपास के विश्नोई समाज के सैकड़ो लोग मोजूद रहे । कथा आयोजन समिति के अध्यक्ष मंहत नृसिंह दास ने बताया कि कथा के अंतिम दिन कथावाचक संत एव संगीत मंडली का भी चादर एव दक्षिणा देकर सम्मान किया गया उसके बाद महाप्रसादी का भव्य आयोजन रखा गया था ।इस दौरान संत राधेश्यानंद आचार्य,नृसिंहदास,भजन कलाकार हडमान पंडित एव टीम,संत जयरामदास रामनगर, ओपाराम खोखर,बाबुलाल ,महीराम मूद,पुनाराम खोखर, नाथुराम जाणी,पेमाराम फोजी, लक्ष्मण विश्नोई, रामा खोखर,ओपाराम नैण,श्याम टुईया, रामदीन,बिरबल टुईया,मालाराम, ओमा राम नैण, लालाराम, हरदेव राम, भाकरराम सोऊ,मंडल सदस्य बंशीलाल सोऊ,किशनाराम,हडमान नैण,सुभाष टुईया सहित सैकडो लोग उपस्थित थे ।मंच सचालन शिवलाल खोखर ने किया ।

 पचास प्रतिभाओ का हुआ सम्मान
तिलवासनी मे चल रही भागवत कथा के समापन समारोह मे गुरू जम्भेश्वर शिक्षा विकास समिति तिलवासनी के द्वारा गाव की पचास होनहार प्रतिभाओ का सम्मान  कथा वाचक संत राधेशानंद आचार्य महाराज ,मंहत नृसिंह दास ,समिति मास्टर पुनाराम खोखर द्वारा किया गया ।इसमे प्रतिभावान छात्र-छात्रा,नव नियुक्ति सरकारी कर्मचारी,कथा मे निस्वार्थ भाव से सेवा देने वाले व्यक्तियो तथा मीडिया कर्मीयो का   स्मृति चिह्न जाम्भाणी साहित्य एव प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया ।

वृक्षों की शहादत देने वालो की याद मे बनेगा भव्य स्मारक :- कथा समाप्ति के दिन सैकड़ों वर्ष पूर्व वृक्षों के लिए बलिदान देने वाले तिलवासनी के तीन नर नारियों के लिए खेला रोड स्थित गजयाली नाडी पर शहीद स्थल के रूप में भव्य स्मारक का निर्माण किया जाएगा इसकी घोषणा आज कथा समाप्ति के दिन मंच पर कथावाचक संत राधेशानंद आचार्य ने की, शहीदी स्मारक का निर्माण मार्च माह में किया जाएगा, जिसको लेकर भामाशाह होने तैयारियां शुरू कर दी है, इस कार्य को लेकर वरिष्ठ ग्रामीणों ने तथा समाज के अनेकों वर्गों ने प्रशंसा की.

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