इसको लेकर आक्रोश जताते हुए शनिवार को बड़ी संख्या में विश्नोई के समाज के लोग पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर पहुंचे और धरना देकर विरोध जताया। इसके बाद समाज का प्रतिनिधिमंडल पुलिस कमिश्नर से भी मिला और ज्ञापन दिया।
ज्ञापन में बताया कि पुलिस ने इस घटना के बाद जो रवैया अपनाया वह अमानवीय था। पुलिस खुद ही कोर्ट बन गई और इस तरीके से बेइज्जत कर बीच बाजार में घुमाना कौन सा न्याय है। इसलिए इस मामले में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और उन्हें निलंबित किया जाए।
उप जिला प्रमुख विक्रम विश्नोई ने बताया कि माता के थान में हुई घटना के बाद बजरी का काम करने वाले दो मजदूर राकेश और मालाराम जिनका हिस्ट्रीशीटर सागर से कोई लेना देना नहीं है। पुलिस के कहने पर उनका सरेंडर करवाया था। पुलिस ने इसके बाद उनके साथ जो बर्ताव किया वह गलत था। यदि इस मामले में शामिल पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन और उग्र किया जाएगा।
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