बिश्नोई संतों ने जैसलमेर सम के धोरों में भम्रण किया, ऊंट संवारी पैराशूट राइडिंग की

राजस्थान बिश्नोई समाचार जैसलमेर आज बिश्नोई समाज के अंतरराष्ट्रीय गायक कलाकार संत राजूराम जी महाराज पश्चिम राजस्थान स्वर्णनगरी के अंतिम छोर स्थित एकमात्र शत प्रतिशत बिश्नोई बाहुल्य गांव धोलिया,जैसलमेर में भगवान जम्भेश्वर द्वारा बताए गए  नियम अनुसार जागरण हवन किया। दोपहर में जैसलमेर (स्वर्ण नगरी) के प्रसिद्ध दुर्ग का भम्रण किया। 


बिश्नोई संत ने बताया कि राजस्थान का सुप्रसिद्ध सम के टीले जो कि राजस्थान राज्य के जैसलमेर के पश्चिम में 42 किमी दूर स्थित रेत के टीले स्थित है, वहा जाना हुआ।

यह थार मरुस्थल के विशाल रेतीले टीलों का क्षेत्र हैं।

इस दौरान सम में सफारी का सफर व पैराशूट (हवाई छतरी से हवाई यात्रा का सफर किया। अंत में जैसलमेर के प्रसिद्ध गांव कुलधरा, जो वर्तमान में पूर्णतया खंडहर,सुनसान गांव है व सबसे ज्यादा पर्यटन स्थल भी है,उनको भी देखने का अवसर प्राप्त हुआ।

इस गांव के बारे में कई प्रकार की किवदंतिया है,
कुलधरा या कुलधर (Kuldhara or Kuldhar) भारतीय राज्य राजस्थान के जैसलमेर ज़िले में स्थित है एक शापित और रहस्यमयी गाँव है जिसे "भूतों का गाँव" (Haunted Village)  भी कहा जाता है। इस गाँव का निर्माण लगभग १३वीं शताब्दी में पालीवाल ब्राह्मणों ने किया था। लेकिन यह १९वीं शताब्दी में घटती पानी की आपूर्ति के कारण पूरा गाँव नष्ट हो गया ,लेकिन कुछ किवदंतियों के अनुसार इस गाँव का विनाश जैसलमेर के राज्य मंत्री सलीम सिंह के कारण हुआ था। सलीम सिंह जो जैसलमेर के एक मंत्री हुआ करते थे वो गाँव पर काफी सख्ती से पेश आता था इस कारण सभी ग्रामवासी लोग परेशान होकर रातोंरात गाँव छोड़कर चले गए साथ ही श्राप भी देकर चले गए इस कारण यह शापित गाँव भी कहलाता है।

बाकी हकीकत में एक रात में अचानक से गांव खाली होना अब भी एकमात्र रहस्य ही बना हुआ है।

यह गाँव अभी भी भूतिया गाँव कहलाता है लेकिन अभी राजस्थान सरकार ने इसे पर्यटन स्थल का दर्जा दे दिया है,लेकिन अभी राजस्थान सरकार ने यह दावा किया है कि यहाँ कोई भूत नहीं रहते है इसलिए सभी के लिए खोल दिया है और  पर्यटन स्थल का दर्जा दिया गया है। इस कारण अब यहां हज़ारों की संख्या में लोग घूमने आते है। यहाँ स्थानीय लोग ही नहीं अपितु देश एवं विदेश से भी आते है।

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