खेतों में लगे कंटीले तार व जाली बन रहे हैं हिरणों की मौत के कारण

 

फंसने से घाव बन जाते हैं या कुत्ते पकड़ लेते हैं वन्यजीवों को 

वन्यजीव प्रेमी मदनलाल के परिवार ने बचाई चिंकारे की जान

राजस्थान बिश्नोई समाचार नागौर श्रीबालाजी जंभेश्वर रेस्क्यू सेंटर में आज एक कंटीले तारों में फंस कर घाव सड़ने  के बाद चिंकारा हिरण लाया गया जिसका उपचार कर प्राणीमित्र पूजा बिश्नोई ने घाव में से कीड़े निकालें और उपचार करके भर्ती किया । 
सथेरण निवासी मदनलाल ,श्याम सुंदर ,निरमा  माल बिश्नोई तथा उनके परिवार के सदस्यों ने जंगल में घायल एक चिंकारा को रेस्क्यू सेंटर पहुंचाया । उन्होंने बताया कि उक्त हिरण आज से 2 सप्ताह पहले कंटीले तारों में फंस गया था जो पीछे आ रहे कुत्तों के डर से निकलने की कोशिश की जिससे पीठ के ऊपर से चमड़ी उधड़ गई बड़ा घाव हो गया उसके बाद वह हिरण उनके खेत में घूम रहा था। खून से लथपथ और घायल था मगर उनकी पकड़ से दूर रहा आज वह अत्यधिक घायल होने के बाद उनकी ढाणी में आकर शरण ले ली तब वे गंभीर घायल अवस्था में उसको अपनी गाड़ी से रेस्क्यू सेंटर पर लाये ।प्राणी मित्र पूजा विश्नोई ने घाव को डीटोल, तारपीन का तेल बगैरा डालकर कीड़े निकाले लगभग एक घंटा तक उसके घाव में से चुन चुन कर कीड़ों को बाहर निकाला । दवाइयां व इंजेक्शन भी लगाए । वन्यजीव प्रेमियों ने बताया कि खेतों में फसल की रखवाली के लिए अधिकतर लोगों ने लोहे की जाली व  कंटीले तार लगाए हैं जो भागते हुए हिरणों को दिखते नहीं है ।अगर जाली और तारों के बीच झाड़ियों की बाढ़ बना दी जाए तो हिरण उससे बचकर निकल सकते हैं मगर किसान ऐसा नहीं कर रहे हैं । जिन खेतों में सीधी जाली व कंटीले तार लगे हुए हैं बाड़ नहीं बनी हुई है उनमें आए दिन हिरण फंस जाते हैं जिसके कारण कुत्ते उनका शिकार कर लेते हैं अगर कुत्ते नजदीक नहीं होते हैं और आदमी से डरकर हिरण भागते हैं तो भी तारों में से फंसने के बाद निकलते हैं तब तक उनके शरीर पर गहरे घाव पड़ जाते है। दवाई के अभाव में घाव में मवाद तथा कीड़े पड़ जाने के बाद हिरण असमर्थ हो जाते है जिसके कारण उनकी मौत हो जाती है या कुत्ते मार देते हैं । श्री जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था राजस्थान के अध्यक्ष रामरतन बिश्नोई ने वन्यजीव प्रेमियों से आग्रह किया है ऐसे घायलों को देखते ही रेस्क्यू करें और किसानों से आग्रह किया है कि वे अपने खेत की तारबंदी व जाली के साथ कंटीली झाड़ियों से बाड़ जरूर बनाएं ताकि हिरणों को बाड़ दिख जाती है तो उससे बच कर निकल जाते हैं। हिरणों को बचाने व जीव दया का काम करने में खेत मालिक और किसान रुचि लेंगे तभी वन्यजीव बच पाएंगे ।

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