राजस्थान बिश्नोई समाचार बाङमेर @मोहनलाल खिलेरी-जाम्भाणी साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित जाम्भाणी साहित्य ज्ञान परीक्षा महायज्ञ आज बड़े उत्साह उमंग और जोश के साथ में संपन्न हुआ जिसमें जिले के हजारों परीक्षार्थियों ने इस महायज्ञ में आहुति देकर सफल बनाया।
जाम्भाणी साहित्य ज्ञान परीक्षा के जिला सहप्रभारी मोहनलाल खिलेरी ने बताया कि जाम्भाणी साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित विश्व स्तरीय जांभाणी साहित्य ज्ञान परीक्षा में भारत सहित दुबई यूको अमेरिका में भी परीक्षा संपन्न हुई जिसमें कक्षा 5 से 12 तक अध्ययनरत 50000 परीक्षार्थियों ने पंजीयन करवाया। बाड़मेर जिले की परीक्षा बिश्नोई समाज के महंत अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा जिला सभा बाड़मेर के अध्यक्ष आचार्य डॉक्टर गोवर्धनराम शिक्षा शास्त्री के पावन सानिध्य में लगभग 130 परीक्षा केंद्रों पर 10 हजार परीक्षार्थियों ने इस महायज्ञ में अपनी ज्ञानरूपी कलम से आहुतियां देकर इस महायज्ञ को सफल बनाया। सेंडवा फागलिया व धनाऊ तहसील परीक्षा प्रभारी सुखराम खिलेरी ने बताया की अकादमी द्वारा आयोजित इस महायज्ञ में भगवान जांभोजी की जीवनी, 29 नियम, पर्यावरण व जीव रक्षा, शब्दवाणी, आचार, संस्कार, भगवान जांभोजी के अष्ट धाम जीवन जीने की पद्धति से संबंधित प्रश्न पूछे गए जिनका ओएमआर शीट के माध्यम से उत्तर देकर विद्यार्थियों ने अपनी मन की इच्छाओं को जाहिर किया।
अकादमी द्वारा आयोजित इस महायज्ञ में राजकीय उच्च माध्य विद्यालय सोनड़ी में भारतवर्ष में सबसे अधिक पंजीयन केंद्रों में एक जहां 607 विद्यार्थियों ने पंजीयन करवाया जिसमें से 557 परीक्षार्थियों ने परीक्षा देकर इतिहास रचा। इस अवसर पर सोनड़ी में महंत डॉ गोवर्धनराम जी आचार्य ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप पुस्तकों के माध्यम से जो ज्ञान ग्रहण किया है उसे अपने जीवन व आचरण में भी ढालना है । आचार्यश्री ने इस परीक्षा की सार्थकता पर भी प्रकाश डाला व सभी विद्यार्थियों और अध्यापकों की हौंसलाफ़जाई की । जाम्भाणी साहित्य अकादमी द्वारा जो प्रयास किया गया है वह युवाओं के जीवन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव डालेगा जिससे विद्यार्थी अपने जीवन में संस्कारों के साथ में शिक्षा को ग्रहण करेगा तो वह कभी असफल नहीं होगा। हमारा स्वधर्म क्या है? हमारी आत्मा का आल्हाद क्या है? आज प्रातः बाड़मेर जिले में इस परीक्षा के निमित्त एक सामान्य प्रयोजन लेकर के निकले थे! लेकिन जहां भी गए यह अनुभूत हुआ कि समाज के बुद्धिजीवियों की खुशी का ठिकाना नहीं था! जैसे घर में कोई विवाह का आयोजन हो? जैसे पूरे समाज का कोई बड़ा त्योहार हो अथवा जैसे कोई सागर को नदियां, कश्ती को किनारा, पपीहे को बादल की बूंदे मिली हो! सर्वत्र यह खुशी पाकर भी इसे ही वर्णनातीत हो रहा था!
आज बाड़मेर जिले में सेड़वा, फागलिया, धनाऊ, चौहटन, रामसर, धोरीमना, गुडामालानी, बाड़मेर, अडेल, पायला, बालोतरा, पचपदरा, कल्याणपुरा इत्यादि जिले के दूरदराज के ब्लॉक में उपस्थित होकर के जांभाणी साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित संस्कार सामान्य ज्ञान परीक्षा सम्पन्न हुई। सभी जगह पूरी टीम के साथ, पूरी ऊर्जा के साथ, जोश के साथ समाज के शिक्षकगण, एवं साहित्य प्रेमियों द्वारा बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया गया। आज तक के समाज के सबसे बड़े ज्ञान महायज्ञ को निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए अद्वितीय समर्पण और उत्साह सर्वत्र देखने को मिला।यह बहुत ही सकारात्मक संकेत हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित हुई इस परीक्षा में पहली बार लगभग 50,000 अभ्यर्थी न केवल परीक्षा में बैठ रहे हैं बल्कि इस ज्ञान महायज्ञ में आहुति लगाकर अपनी सामाजिक धार्मिक आध्यात्मिक संवेदनशीलता का परिचय दिया।इस दौरान सोनड़ी सरपंच भारमलराम खिलेरी, पूर्व सरपंच प्रतिनिधि गंगाराम सियाग, डॉक्टर सुनील जांगू, आरपी प्रेमाराम बोला, प्रधानाचार्य रमेश कुमार नायक, परीक्षा प्रभारी सुखराम खिलेरी, जालौर जिले से निरीक्षण पर आए हुए गोवर्धनराम बागढड़वा सहित सैकड़ों शिक्षकों ने समाज सेवक के रूप में अपने कर्तव्य का निर्वहन किया।
जांभाणी साहित्य ज्ञान परीक्षा बाड़मेर जिले के मार्गदर्शक रुगनाथराम खीचड़ ने कहा की यह संस्कार परीक्षा भविष्य में एक व्यापक जांभाणी सांस्कृतिक दृष्टिकोण विकसित तो करेगी ही साथ साथ सांस्कृतिक, सामाजिक मूल्यों से गिरते हुए समाज के लिए निश्चित रूप से संजीवनी साबित होगी। वैसे तो पूरे देश में सैकड़ों सामाजिक बुद्धिजीवी पिछले 4 महीने से अथक परिश्रम एवं निरंतर समर्पण के भाव से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं।
परीक्षा के केंद्रों पर इस महापरीक्षा को शांतिपूर्ण, निर्विघ्न संपन्न कराने के लिए तथा परीक्षार्थियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए समाज भामाशाह,शिक्षा के अधिकारियों, प्रशासनिक अधिकारियों, राजनेताओं, धर्म प्रेमी एवं साहित्य प्रेमी सज्जनों ने परीक्षार्थियों के लिए जलपान, अल्पाहार व भोजन व्यवस्था में सहयोग दिया इसके लिए जाम्भाणी साहित्य अकादमी परिवार की ओर से सभी का आभार व धन्यवाद प्रकट किया गया।
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