राजस्थान बिश्नोई समाचार बाङमेर सेड़वा- उपखंड के निकटवर्ती विष्णुधाम सोनड़ी में 387 वां श्री गुरु जंभेश्वर मेला विशाल यज्ञ एवं पाहल के साथ संपन्न हुआ जिसमें हजारों पर्यावरण प्रेमियों ने घी व नारियल की स्वाह के साथ में आहुति देते हुए सुकाल की कामना करते हुए मेले परिसर को भगवान जांभोजी की जय जय कार से गुंजायमान कर दिया। बाड़मेर जिले का विश्नोई समाज का सबसे प्राचीन एवं भव्य श्री गुरु जंभेश्वर मंदिर पर भाववां अमावस्या पर विशाल श्री गुरु जंभेश्वर मेला भरा। श्री गुरु जंभेश्वर मंदिर सोनड़ी के के महंत आचार्य डॉक्टर गोवर्धनराम शिक्षा शास्त्री, स्वामी स्वामी रामानन्द महाराज व स्वामी हरिनारायण महाराज के पावन सानिध्य में भगवान श्री गुरु जम्भेश्वर के 120 शब्दवाणी से पाहल एवं लाखों की संख्या में पर्यावरण एवं समाज के हजारों महिला पुरुषों ने भी नारियल की स्वाह के साथ में आहुति देकर सुकाल एवं सुख समृद्धि की कामना करते हुए भगवान जंभेश्वर मंदिर में 140 साल से प्रज्जवलित अखंड ज्योति के दर्शन कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करने का वरदान मांगा पर्यावरण प्रेमियों ने देखते-देखते पक्षियों के लिए चूगे का ढेर लगा दिया भगवान जाम्भोजी की जय जयकार करते हुए पर्यावरण प्रेमी मंदिर की परिक्रमा करते हुए पक्षियों को चुगा डालते हुए यज्ञ में नारियल की आहुति के साथ में विल्होजी मंच पर साखी मर्मज्ञ हनुमान घायल बीकानेर ने भगवान जांभोजी की साखी भजन कीर्तन कथा की स्वर लहरियों के बीच हजारों श्रद्धालु भगवान जांभोजी के जीवन उपयोगी बताई गई बातों को आत्मसात करने का संकल्प दोहराते हुए भगवान जांभोजी द्वारा प्रदत 29 नियमों की कढ़ाई से पहले का संकल्प दिलाते हुए पूरे क्षेत्र को भक्ति मय बनाते हुए दिन में ठीक 1:00 बजे श्री गुरु जंभेश्वर सेवक दल एवं बिश्नोई समाज सेवा समिति सोनड़ी का खुले अधिवेशन की मंच की ओर बढ़े। विल्होजी मंच पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता महंत आचार्य संत डॉक्टर गोवर्धनराम शिक्षा शास्त्री ने कहा कि यह मनुष्य तन पाकर के पर उपकार में लगाओ जब मनुष्य जीवन दिया है तो उनका उपयोग दूसरों की भलाई सहयोग और कंधे से कंधा देने के लिए सबसे बड़ा अवसर है मनुष्य जन्म पाकर क्यों नहीं भगवान और जिसने मनुष्य जन्म पाकर के भगवान के गुणगान नहीं किए वह इस चराचर जगत में जन्म लेना ही व्यर्थ है। आचार्य श्री ने कहा कि भगवान जांभोजी ने 27 वर्ष तक गायों को चराई इसीलिए अपन को इस संसार में आकर के गौ माता की सेवा करना ही सबसे बड़ा पुण्य काम है वह हमारी माता है माता की सेवा करना बेटा का कर्तव्य है मां सेवा बेटा पूर्ण कर्तव्य से करेते हुए इस भव सगार से पार कर सकता है साथ में गौ सेवा करेगा तो मां आशीर्वाद देगी जब मां आशीर्वाद देगी तो उसका आशीर्वाद फलीभूत होगा उसका आशीर्वाद फलीभूत होगा तो वह कभी विफल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि आज वर्तमान समय में शिक्षा आधुनिक शिक्षा को ध्यान में रखते हुए अपने बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करवाने अपने बच्चों को अधिक से अधिक संस्कार दे कर के अपने बच्चों को विद्यालय से जोड़ो साथ ही साथ वर्तमान समय में टूटते रिश्ते पर भी अपना ध्यान केंद्रित करना है जिससे कि हम हम हमारी सदियों से चली आ रही परंपरा को जीवित रख सके।
आचार्य श्री ने कहां की मेला संस्कृति में व्यक्ति एक दूसरे से मिलने एवं सामाजिक रीति-रिवाजों केआपसी विचार विमर्श,बालिंग बच्चों की रिश्तेदारी का संबंधों पर चर्चा आपसी पहचान बढ़ाने का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है जिससे समाज के रीति रिवाज एक दूसरे की पहचान सही संभव हो पाता है वह इन मेलों में ही हो पाता है इसलिए मेलों का महत्व बहुत अधिक है मेलों का अर्थ ही मिलना होता है मिलने का अर्थ है आपसे दूरियों को मिटाकर प्रेम भाईचारा बनाए रखकर जीवन में आगे बढ़ें। बिश्नोई ने कहां की सामाजिक कुरीतियां त्यागने का आह्वान करते हुए कुरीतियों व्यक्ति को अंदर से खोखला करती है आर्थिक रूप से सामाजिक रुप शारीरिक रुप हो सभी रूपों में पुरुषों व्यक्ति को पीछे धकेल दिया है इसलिए सामाजिक कुरीतियों को त्यागना ही सच्चे अर्थों में मेले एवं सभाओं का सफलता का मूल आधार है।कार्यों में दान दे करके अपना परिवार और समाज की भलाई होगी। कार्यक्रम भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष अनन्तराम विश्नोई ने कहा कि बिना संस्कार शिक्षा का कोई महत्व नहीं है संस्कारवान व्यक्ति ही देश समाज और परिवार का नाम रोशन कर सकता है इसलिए इसका शिक्षा के साथ में संस्कार होना आवश्यक ही नहीं नितांत आवश्यक है आपने कहा कि बालक की प्रथम पाठशाला परिवार परिवार की प्रथम पाठशाला है माँ संस्कारों का मुख्य केंद्र है जो अपने बच्चे को जैसा बनाना चाहती है वैसा बना सकती है। सीओ साहब ने कहा कि वर्तमान समय में समाज को नशा मुक्त जीवन जीना होगा नशा व्यक्ति को आंतरिक रूप से खोखला बना देता है जिससे व्यक्ति की सोचने की समझने की मनन करने की शक्ति नष्ट हो जाती है इसलिए वर्तमान के शिक्षा के युग में अपन को नशा रूपी कुरुतियाँ बाल विवाह मृत्यु भोज दहेज राक्षस वृत्तियों को छोड़ना होगा।
समाज सेवी गंगाराम सियाक ने कहा कि आज के युग में नारी शिक्षा अति आवश्यक हो गई है क्योंकि एक नारी पढेगी तो दो परिवारों की सेवा करेगी इसलिए अपने बच्चों के साथ-साथ अपनी बच्चियों को भी उच्च शिक्षित करें और समाज में अग्रिम पंक्ति पर उसको स्थान दें जिससे समाज सुधार में उचित योगदान हो सके। इस अवसर पर सोनड़ी के सरपंच भारमलराम खिलेरी,बिश्नोई समाज सेवा समिति सोनड़ी के अध्यक्ष हरीराम खिलेरी, पूर्व सरपंच पेमाराम मांजू, समाज सेवी गंगाराम सियाग, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य अनन्तराम बिश्नोई, बिश्नोई समाज सेवा समिति सोनडी के कोषाध्यक्ष सुखराम खिलेरी सेड़वा थाना से हैड कांस्टेबल लाधुराम पुनिया,,पूर्व सरपंच सोनाराम खिलेरी, जम्भेशवर सेवक दल के अध्यक्ष मोहनलाल खिलेरी, भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री हरीराम खिलेरी,भाजपा जिला उपाध्यक्ष पुरखाराम मांजू,आरपी प्रैमाराम बोला,अखिल भारतीय जीव रक्षा के जिलाध्यक्ष कृष्णकुमार धेतरवाल, जम्भेश्वर मन्दिर सेड़वा के उपाध्यक्ष बाबूलाल बोला,भाजपा मंडल अध्यक्ष पुनमचन्द खिलेरी,समाज सेवी रामलाल खिलेरी, जयकिशन खीचड़,कैलाश खिलेरी, चौथाराम खिलेरी, भारतीय किसान संघ के जिला कोषाध्यक्ष दयाराम थौरी, सेवक दल के कोषाध्यक्ष ओमप्रकाश बोला, राजुराम मांजू, सेठ किसनाराम गोदारा, पटवारी लक्ष्मण मांजू, हरीराम हथाईदार, जयकिशन गोदारा, गोविंद खीचड़,बीट प्रभारी लक्ष्मण चौधरी, भाजपा मंडल महामंत्री बाबूलाल तेतरवाल, भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष लादूराम खिलेरी, अशोक कुमार बोला, मोहनलाल खीचड़, जगदीश मांजू,, मानाराम ढाका,रामजीवन खिलेरी, ओमप्रकाश बोला,राकेश खीचड़, ,हरजेश थौरी, श्रीराम मांजू,सुरताराम बोला, सुजानाराम मांजू,राजूराम खीचड़, रतनलाल ढाका, गोगाराम गोदारा,सदराम गोदारा, जगदीश गोदारा सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन बिशनोई समाज सेवा समिति के सचिव गंगाराम सियाक व कोषाध्यक्ष सुखराम खिलेरी ने किया।
यज्ञ में उमड़े हजारों श्रद्धालु
उपखण्ड सेड़वा को खंड के निकटवर्ती विष्णु धाम सोनड़ी में आयोजित श्री गुरु जंभेश्वर मेले पर आयोजित विशाल यज्ञ में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने बड़ी श्रद्धा और विश्वास के साथ में आहुति देकर भगवान से सुकाल की कामना करते हुए अपने जीवन को धन्य किया एवं भगवान जांभोजी की शब्दवाणी 120 शब्दों से अमृत रुपी पाहल लेकर अपना जीवन नशा मुक्त बनाने का संकल्प लिया।
मेले में जमकर हुई खरीदारी
श्री गुरु जंभेश्वर मंदिर सोनड़ी परिसर में आयोजित विशाल श्री गुरु जंभेश्वर मेले में बच्चों से लेकर बूढ़े तक माल से लेकर बैठी तक सभी ने जमकर खरीदारी की मेले में बच्चे मिठाइयों के आनंद लेते हुए दिखाई दिए साथ ही साथ बड़े बुजुर्ग किसान अपने औजार एवं आवश्यक सामग्री खरीदते हुए नजर आए महिलाएं मनिहारी एवं श्रंगार की सामग्री की जमकर खरीदारी की।
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