सावन सोमवार व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है जो व्यक्ति इस व्रत को सच्चे मन से रखता है भगवान शिव उसकी सारी मनोकामनाएं शीघ्र ही पूर्ण कर देते हैं। इस व्रत को करने से वैवाहिक जीवन में आ रही बाधाएं भी दूर हो जाती हैं। साथ ही ये व्रत अविवाहित युवतियों के लिए भी लाभकारी माना जाता है। इस व्रत के पुण्य प्रताप से उन्हें योग्य वर की प्राप्ति होती है। जानिए सावन सोमवार व्रत कैसे रखते हैं और क्या है इसके नियम?
सावन सोमवार व्रत की पूजा विधि
व्रत वाले दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। फिर व्रत और पूजा का संकल्प लें। पूजा में सफेद रंग के फूल, चंदन, सुपारी, फल, फूल, चावल, पंचामृत, बिल्वपत्र, धतूरा, प्रसाद, पान, गंगाजल अवश्य शामिल करें। इन सभी चीजों से भगवान शिव, मां पार्वती, गणेश भगवान, कार्तिकेय भगवान और नंदी की पूजा करें। अपनी श्रद्धा अनुसार भगवान शंकर का अभिषेक दूध, जल, गन्ने का रस, सरसों का तेल आदि से करें। सावन सोमवार व्रत कथा पढ़ें। भगवान शिव की स्तुति और आरती करें। फिर भगवान को भोग लगाएं। व्रत वाले दिन सुबह-शाम दोनो समय भगवान शंकर की पूजा करें। संध्या के समय भगवान शिव की पूजा के उपरांत ही व्रत खोलें। इस दिन सिर्फ एक बार ही भोजन करें।
सावन सोमवार व्रत के नियम:
सावन सोमवार का व्रत कर रहे हैं तो किसी भी तरह का गलत काम करने से बचें। सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और व्रत का संकल्प लें। स्नान करने के बाद शिव जी की पूजा करें। भगवान शिव को बेलपत्र और धतूरा अवश्य अर्पित करें। भगवान शिव को घी और शक्कर का भोग लगाएं। सबसे पहले गणेश भगवान की आरती करें फिर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।
सावन में न करें ये काम:
दूध का अनादर न करें।
शिवलिंग पर हल्दी, सिंदूर न चढ़ाएं।
सावन सोमवार व्रत रखने वाले लोग सात्विक भोजन ही करें।
किसी का अपमान न करें।
शरीर पर तेल न लगाएं।
जानवरों को प्रताड़ित न करें।
भगवान शिव की पूजा में तुलसी और केतकी के फूलों का इस्तेमाल न करें।
शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए
कांसे के बर्तन में नहीं खाना चाहिए।
पूजा के समय में शिवलिंग पर हल्दी न चढ़ाएं।
सावन के महीने में दूध का सेवन अच्छा नहीं होता है।
सावन के महीने में दिन के समय नहीं सोना चाहिए।
सावन के महीने में बैंगन नहीं खाना चाहिए। बैंगन को अशुद्ध माना गया है।
भगवान शिव को केतकी का फूल भूल कर भी न चढ़ाएं।
सावन में यह काम करें
1. धतूरा और भांग भगवान शिव को अर्पित करें।
2. मिट्टी से शिवलिंग बनाकर नियमित इसकी पूजा करें।
3. दूध दान करें।
4. शाम के समय भगवान शिव की आरती पूजा करें।
5. इस महीने में अगर घर के दरवाजे पर सांड आ आए तो उसे कुछ खाने को दें।
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