डॉ‌ सुखदेव बिश्नोई ने NEET PG में राज्य में 4थी रैंक हासिल की

राजस्थान बिश्नोई समाचार जालौर  के पश्चिमोत्तर क्षेत्र के जिले शिक्षा की दृष्टि से हमेशा पिछड़े हुए माने जाते हैं। बात करें जालौर जिले की तो शिक्षा के मामले में जालौर राज्य का सबसे पिछड़ा हुआ जिला है। शिक्षा के अभाव के मध्य कुछ ऐसे लोग भी हुए हैं जो शिक्षित ही नहीं हुए बल्कि सफलता के सिर्फ मुकाम हासिल करने में कामयाब रहे और शिक्षा की दृष्टि से सर्वमान्य टैगलाइन 'राज्य में शिक्षा की दृष्टि से पिछड़ा जिला' से उबारने में कारगर उपाय बरत रहे हैं। इन्हीं सफल लोगों में से एक है डॉ सुखदेव बिश्नोई जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सफलता प्राप्त ही नहीं की बल्कि अपने इस सफर को जारी रखते हुए सफलता दर सफलता प्राप्त कर रहे हैं। आइए जानें डॉ सुखदेव पूनिया के बारे में जिन्होंने हाल ही में जारी NEET PG परिणामों में ऑल राजस्थान में 4th रैंक हासिल की है।

Dr SukhDev Punia Biography : डॉ सुखदेव पूनिया जीवन परिचय



30 वर्षीय डॉ सुखदेव बिश्नोई का जन्म जालौर जिले की सांचौर तहसील के निकटवर्ती ग्राम मीरपुर में एक शिक्षित परिवार में हुआ। इनके पिता का नाम श्री प्रेमाराम पुनिया है जो पेशे से वरिष्ठ अध्यापक हैं और इनकी माता रूपा देवी ग्रहणी है। तीन भाई-बहनों में डॉ सुखदेव बिश्नोई सबसे छोटे हैं। बड़े भाई नरेश पुनिया व्याख्याता है वहीं बहन मूर्ति बिश्नोई नर्सिंग ऑफिसर है।


Dr SukhDev Punia Education And Service

जीवन का प्रथम विद्यालय घर होता हैं शिक्षित परिवार में जन्म लेने के पश्चात सुखदेव पूनिया को शिक्षा और सेवा की भावना विरासत में मिली। डॉ पूनिया ने प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्थानीय विद्यालय में ग्रहण की। इसके बाद मैट्रिक तक की शिक्षा राजकीय विद्यालय से प्राप्त की। बाल्यावस्था से ही होनहार सुखदेव पूनिया शिक्षा परिणामों में हमेशा अव्वल रहे हायर सेकंडरी की पढ़ाई के लिए वो जोधपुर आ गए और वहां से उच्च अंकों में 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की।


पिता व भाई शिक्षा का दीप जला रहें हैं और बहन नर्सिंग ऑफिसर, सुखदेव पूनिया ने बहन की तरह स्वास्थ्य एवं सेवा क्षेत्र को चुना और 12वीं पास करते ही PMT की तैयारी हेतु शैक्षणिक नगरी कोटा जा पहुंचे। कोटा में रहकर पूनिया ने PMT की तैयारी की लेकिन प्रथम प्रयास में सफल नहीं हो पाए परन्तु वेटेनरी डॉक्टर (PVT) में सफल हुए। असफलता का अस्तित्व अल्प होता है यही मानकर सुखदेव ने अपनी तैयारी जारी रखी और दूसरे प्रयास में AIPMT, RPMT, RPVT तीनो में सफल रहे। AIPMT में चयन उपरांत गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज जामनगर(गुजरात) से MBBS किया। MBBS की डिग्री प्राप्त करते ही डॉ सुखदेव पूनिया को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र करवाड़ा(रानीवाड़ा) में सेवाएं देने का अवसर प्राप्त हुआ। मानव सेवा के इस स्वर्णिम अवसर पर डॉक्टर पूनिया ने स्वास्थ्य सेवाओं संबंधी अपने दायित्व को बखूबी निभाते हुए उच्च शिक्षा के लिए अध्ययन को जारी रखा। जिसका परिणाम यह रहा कि वो राज्य भर में NEET-PG के परिणामों में चौथा स्थान (4 ARR) प्राप्त करने में सफल रहे।



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