जेष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की एकदन्त संकष्टी चतुर्थी का दिन बहुत ही पावन माना जाता है। यह उपाय मां अपनी संतान के लिए करें । अगर इस उपाय को माता करती है तो सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
यह केवल एक लाल धागे से अचूक उपाय करना है।
यह बड़ा आसान उपाय है कि आपको एक लाल धागा लेना है । उस जगह को लेकर आप किसी भी नजदीक में स्थित गणेश जी के मंदिर में जाना है , मतलब ऐसे गणेश जी के मंदिर में जाना है जहां पर गणेश जी को सिंदूर चढ़ता है।
उस लाल धागे के साथ आप अपने घर से एक दीपक लेकर जाए और गणेश जी के मंदिर में जाकर दीप प्रज्वलित करें। और उसके पास लाल धागा रख दीजिए। और साथ में आप तीन माला लेकर जाए और ॐ गणपते् नमः के मंत्र का 108 बार जाप करना है । और बाद में जो आपके पास लाल धागा है उसमें 6 गांठ लगा दे। जहां पर गणेश जी को सिंदूर चढ़ता है आप उस मंदिर में गए हो तो वहां से आप सिदूर ले ले ।आपने जिस लाल धागे पर 6 गांठ लगाई है उस प्रत्येक गांठ पर अपनी अंगुली से तिलक करें। यह उपाय सूर्य अस्त से 40 मिनट पहले और 40 मिनट बाद तक करना है। फिर उस लाल धागे को आप अपनी संतान के पैरों हाथों में बांध दें।
लाल धागा आपको 40 दिन तक अपने हाथों में पहन कर रखना है।अगर आपका व्यापार सही नहीं चल रहा है घर में लड़ाई झगड़े हो रहे हैं तो 40 दिन के अंदर आप के पत्ते की समस्या का समाधान हो जाएगा और 41 वे दिन उस लाल धागे को अपने हाथों से उतारकर किसी खेजड़ी के वृक्ष की डाली पर बांध का आ जाए । एक बात का ध्यान जरूर रखें की खेजड़ी कांटेदार नहीं होनी चाहिए। यह प्रक्रिया आपको 40 दिन लगातार करनी है 40 दिन के भीतर आपकी हर प्रकार की समस्या का समाधान हो जाएगा ।
जेष्ठ संकष्टी चतुर्थी – “लाल धागे में बांध दे 6 गांठ ” – सारे कार्य होगे पूर्ण – पंडित प्रदीप जी मिश्रा
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