पति की मौत के बाद भी टूटी नहीं अध्यापक बनी , आज सब के लिए उदाहरण बनीं गीता बिश्नोई

राजस्थान बिश्नोई समाचार बाङमेर धोरीमन्ना - जब हौसला और विश्वास साथ हो तो कठिन परिस्थितियां भी आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। इस बात को सच कर दिखाया है धोरीमन्ना उपखण्ड के ग्राम पंचायत कोलियाना के रेवन्यू विलेज विष्णु नगर में रहने वाली महिला गीता विश्नोई ने। दरअसल गीता बिश्नोई के जीवन में उम्मीदों का पहाड़ उस समय टूटा जब जुलाई 2014 में पति बीरबल गोदारा का देहांत हो गया। परंतु उनकी मृत्यु के बाद परिवार पूरी तरह बिखर गया।
लेकिन कहते है ना कि कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती,बस ऐसे ही गीता बिश्नोई ने राजस्थान रीट अध्यापक भर्ती में अंतिम रूप से चयनित होकर परिस्थियों के विपरीत जो किया वो एक उदाहरण बन गया। जब गीता के पति का देहांत हुआ उस समय बेटा राजवीर सिर्फ आठ माह का था। गीता बिश्नोई ने निराशा का दामन छोड़ कड़ी मेहनत से सफलता पाकर ये साबित कर दिया कि जीवन में परिस्थिति चाहे जैसी भी हो जाए, हौसले और मेहनत के बल पर सब कुछ हासिल किया जा सकता है। इंजीनियर अशोक विश्नोई ने जानकारी देते हुए कहा कि भाई बीरबल के देहांत के समय गीता बिश्नोई बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई करती थी उसके बाद जैसलमेर डाइट से बीएसटीसी पूरी की। पिछले पांच वर्षों में दर्जनों प्रतियोगी परीक्षाएं दी लेकिन सफलता हाथ नही लगी। गीता बिश्नोई के परिवार (पीहर व ससुराल) की तरफ से हमेशा सहयोग रहा है मनोबल बढ़ाया। इंजीनियर विश्नोई ने कहा कि रखना है हौसला ना कि हालातो से घबराना है जब लगे की तुम टूट चुके हो,एक बार फिर अपनी मंजिल को देखो उठो खुद को समेटो फिर एक बार मंजिल का रुख करो।

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