मन को एकाग्र करने और उलझन दूर करने के उपाय- पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी (सीहोरे वाले) द्वारा
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पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी (सीहोरे वाले) द्वारा श्री शिव महापुराण की कथा में बताये कुछ अचूक उपाय लिखित रूप में
मन को एकाग्र करने और उलझन दूर करने के उपाय
किसी भी समय किसी भी पल शंकर जी के 12 ज्योतिर्लिंग का स्मरण कर लेने से कैसी भी मन की उलझन हो दूर हो जाती है। मन की अशांति दूर हो जाती है।
जिस दिन आपका मन अशांत रहे, उलझन सी लगे या किसी अनहोनी होने का डर लगे तो कुशा के आसन पे 10 से 15 मिनट बैठ कर किसी भी मंत्र का मन ही मन स्मरण करे। आपके मन की उलझन एकदम खत्म हो जाएगी।
अगर आपका मन एकाग्र नहीं रहता है, जैसे किसी बच्चे का मन पढाई में नहीं लगता या किसी व्यक्ति का मन कथा पुराण सुनने या पढ़ने में नहीं लगता तो मन को एकाग्र करने के लिए थोड़े से सहेद में 9 मुखी रुद्राक्ष को डाल दीजिये और रात भर वैसा ही पड़ा रहने दीजिये। अगले दिन सुबह शिव मंदिर जाए उस सहेद और रुद्राक्ष को लेकर। रुद्राक्ष को जलाधारी पे रख दीजिये और सहेद चढा दीजिये शिवलिंग पे। फ़िर वापस से उस सहेद को कटोरी में उठा लिजिये। अब शिवलिंग का शुद्ध जल से अभिषेक कर के पूजन कर दीजिये । उस रुद्राक्ष और सहेद को ले कर घर आ जाए। 11 दिन तक रोज़ उस सहद को चाटने से आपका मन अपने आप एकाग्र होने लगेगा या जो बच्चों का मन पढाई में नहीं लगता है वो भी पढाई में अव्वल होने लगेगा।
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