घर पर ही वन्य जीवों की सेवा करते हैं मोहनलाल कड़वासरा
राजस्थान बिश्नोई समाचार बाङमेर पत्रकार श्रीराम ढाका धोरीमन्ना सेवा एक ऐसी भावना है, जो मन से की जाती है आरवा निवासी मोहनलाल विश्नोई सात वर्षों से वन्य जीवों की सेवा कर रहे हैं आरवा गांव में स्थित अपने घर पर करीबन दो सौ से ज्यादा घायल वन्यजीवों का रेस्क्यू कर इलाज व लालन पालन करके पुनर्वास में छोड़ा हैं इसके अलावा धमाणा स्थित अमृता देवी उद्यान में भी पहुंचाया है। बिश्नोई बताते हैं कि सेवा करने के लिए मन होना चाहिए।सच्चे मन से सेवा करना ही मानवीय धर्म-कर्म है वन्य जीव को प्रेम देने से हमें भी प्रेम मिलता है। हम छोटे-छोटे पौधों की सेवा करते हैं,और वे बड़े पेड़ होने पर हमें शुद्ध हवा देते हैं। ठीक इसी प्रकार सच्चे मन की सेवा ही हमें प्रेरणा देती है।
पुरा परिवार वन्य जीवों की सेवा में समर्पित
वन्य जीवों की सेवा के प्रति पुरा परिवार हमेशा ही आगे रहता है। मोहनलाल के घर पर परिवार के सदस्य की तरह हरिण मोर बन्दर देखने को मिलेंगे इनके पूरे परिवार में सभी सदस्यों की आवाज को मूक प्राणी पहचाते है। इनकी आवाज सुनते ही दौड़े चले आते हैं। परिवार में माता तुलसीदेवी, पत्नी शान्तीदेवी, पुत्री वर्षा कुमारी, पुत्र दिनेश, जीवन सहित पूरा परिवार मिलकर वन्य जीव हिरणों, मोर सहित विभिन्न प्रजाति के वन्य जीवों की सेवा करने में लगे हुए हैं। वहीं अपने परिवार के सदस्य की तरह दो हिरनों का नाम सोनू व मोनू रखा। वहीं एक बन्दर को मंकी के नाम से पुकारते हैं। हालांकि अब सोनु, मोनु व मंकी को अमृतादेवी उद्यान धमाणा में पहुंचा दिया है।
सामाजिक संगठन में भी सक्रिय मोहनलाल हमेशा से ही पर्यावरण संरक्षण और वन्य जीवों की रक्षा करने के साथ साथ घायल हिरणों का प्राथमिक उपचार करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं इसके अलावा एक सामाजिक संस्था श्री जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था में सक्रिय कार्यकर्ता के तौर पर अपनी सेवा दे रहे हैं।
घायल हिरणों के प्राथमिक उपचार के बाद स्वस्थ होने पर खुले वातावरण या अमृता देवी उद्यान मे छोड़ा जाता है।ऐसे में कुछ दिनों पूर्व तीन हिरण व एक बन्दर को अमृता देवी उद्यान धमाणा में भेजा गया। जिस पर परिवार के सभी सदस्य भावुक हो गए। वर्षा कुमारी ने बताया कि वन्य जीव हिरण हमारे परिवार के सदस्यों की तरह रहते हैं। जिले के रानीवाड़ा रेंज से 130 ओर धोरीमन्ना से 50 किलोमीटर दूर स्वस्थ कर तीन हिरण व एक बंदर को अमृतादेवी उद्यान धमाणा भिजवाया गया।
कई बार हो चुके सम्मानित
पर्यावरण संरक्षण, वन्य जीव सुरक्षा, नशा मुक्ति, संस्कार निर्माण, शिक्षा व समाज सेवा तथा वन्य जीवों की देखभाल एवं संरक्षण के क्षेत्र में जिला मुख्यालय पर सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा उपखंड स्तर पर जालोर, बाङमेर से भी सम्मानित किया गया है। इसके साथ ही कई सामाजिक संगठनों व गैर सरकारी संस्थाओं के बैनर तले भी नवाजा गया है।
इनका कहना
आज से दस वर्ष पहले क्षेत्र में एक चिंकारा हरिण को श्वानों के चंगुल से बचाते वक्त उनकी लहूलुहान हालात को देखकर भावुक हो गया था हिरन को घर लाकर चिकित्सक से इलाज करवाया इस दौरान मेरी मां तुलसीदेवी ने कहा बेटा धन लालचा मत करो इस प्रकार जीव जन्तु की सेवा करते रहो श्री जम्भेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था से जुड़कर घर पर ही वन्य जीवों का उपचार करवाकर रेस्क्यू करते हैं स्वस्थ होने पर जंगल में छोड़ देते हैं जालोर, बाङमेर, जैसलमेर में कोई बङी शिकार की घटना पर हमारी टीम के साथ सेवा देते हैं।
मोहनलाल कङवासरा एक सक्रिय कार्यकर्ता के रूप में काम करता है अपने घर पर ही करीबन सात वर्षों से घायल वन्यजीवों का रेस्क्यू करते है तथा स्वस्थ होने पर जंगल मे छोड़ देते हैं पेड पौधा लगाना, शिकार की घटना की कार्रवाई में, नशामुक्ति अभियान, संस्कार निर्माण में संस्था का सक्रीय सदस्य हैं
रामरतन बिश्नोई प्रदेश अध्यक्ष
एक टिप्पणी भेजें