राजस्थान बिश्नोई समाचार बाङमेर बाड़मेर। कहते हैं कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती है। किन्हीं कारणों से बीच में छोड़े गए अध्ययन को आगे बढ़ाया जा सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है 40 साल की श्रवणी ने। उन्होंने 40 साल में 12वीं की परीक्षा पास की है। इसमें शिक्षा सेतु योजना उनकी सहयोगी बनी और आगे की स्कूली स्तर की पढ़ाई पूरी हो पाई।
शादी व अन्य कारणों से बीच में सैकड़ों महिलाएं की पढाई छूट जाती है। लेकिन श्रवणी जैसी महिलाएं उनके लिए किसी प्रेरणा से कम नहीं है। योजनाए मदद बन सकती है, लेकिन हौसला और पढऩे का जज्बा जब खुद का होता है तो ही मंजिल मिल पाती है। बाड़मेर की 40 साल की श्रवणी ऐसी महिलाओं के लिए प्रेरणा बनेगी, जिन्होंने अपनी पढ़ाई शादी के कारण बीच में छोड़ दी है। साल 2005 में छूट गई थी पढ़ाई श्रवणी 2005 तक नियमित रूप से स्कूल जा रही थी। इसके बाद पारिवारिक कारणों व शादी के चलते पढ़ाई बीच में ही छूट गई। इसके बाद घर-परिवार को संभालने में समय का पता ही नहीं चला और कई साल यूं ही चले गए और आगे की पढ़ाई के बारे में सोचने का वक्त ही नहीं मिला।
यहां पर मिला संबल और शिक्षा बाड़मेर महिला अधिकारिता विभाग में साथिन पद पर कार्र्यरत सेड़वा क्षेत्र के भैरूड़ी निवासी सरवानी ने अब 40 साल की उम्र में शिक्षा सेतु योजना में बारहवीं कक्षा द्वितीय श्रेणी से स्टेट ओपन से पास की है। अब वह आगे भी पढ़ते हुए ग्रेजुएट करना चाहती है।
पढ़ाई छोड़ चुकी बेटियां फिर से बढ़ सकती है आगे शिक्षा सेतु योजना के तहत पढ़ाई छोड़ चुकी महिलाएं व बेटियां इसमें आवेदन कर फिर से शिक्षा से जुड़ सकती हैं। विभाग की ओर से 15 जनवरी तक महिला अधिकारिता विभाग के माध्यम से आवेदन लिए जा रहे हैं। आवेदन पूरी तरह निशुल्क हैं। - प्रहलादसिंह राजपुरोहित, सहायक निदेशक, महिला अधिकारिता विभाग बाड़मेर
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