हिरण को न हो खाने और रहने में दिक्कत, इसीलिए किसान ने 45 एकड़ जमीन पर 20 सालों से नहीं की खेती Tamilnadu News

तमिलनाडु बिश्नोई समाचार पुडुपलायम न्यूज नेटवर्क पर्यावरण और पशुओं के प्रति मन में सद्भावना रखने वाले लोगों की दास्तान हम अक्सर सुनते आते हैं। अक्सर कुछ लोग पर्यावरण को बचाने के लिए और पशुओं का संवर्धन करने के लिए विविध प्रकार से अपना योगदान देते रहते हैं। कुछ लोगों का योगदान अभूतपूर्व होता है और कुछ लोग अपने अपने तरीके से पर्यावरण और पशुओं के संवर्धन के लिए कार्य करते रहते हैं। इसी प्रकार पशुओं के संवर्धन के लिए एक बहुत ही अतुल्य काम करने वाले तमिलनाडु के किसान की दास्तान इस लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं।


तमिलनाडु के पुडुपलायम के रहने वाले किसान आर गुरु सामी पिछले 20 वर्षों से अपने खेत के आस पास पाए जाने वाले हिरणों को बचाने के लिए एक अद्भुत योगदान दे रहे हैं। गुरु सामी 70 वर्ष की आयु में है। बताया जा रहा है कि उन्होंने अपनी 45 एकड़ भूमि में पिछले 20 वर्षों से बुवाई नहीं की है। उन्होंने अपना 45 एकड़ खेत केवल हिरणों को चढ़ने के लिए खाली छोड़ दिया है।

स्थानीय वन विभाग की जानकारी के अनुसार आर गुरु स्वामी के द्वारा दिए गए इस योगदान की वजह से स्थानीय इलाके में पिछले कई वर्षों में हिरणों की संख्या में दोगुनी बढ़त हुई है। गुरु स्वामी बताते हैं कि “मैं एक किसान हूँ और जानवरों से हमेशा से ही लगाव रहा है और मुझे ये जमीन पूर्वजों के द्वारा मिली है। करीब 25 साल पहले 1996 में मुझे हिरणों का झुण्ड दिखा तभी से मेरे गाय और बकरी भी उन्ही के साथ चारा खाते थे।”


गुरु स्वामी बताते हैं कि उनकी जमीन अब हिरणों का घर बन चुकी है। उनकी जमीन पर गाय बकरी और हिरण एक साथ चढ़ते हुए दिखाई देते हैं। गर्मियों के समय में गुरु स्वामी ने अपनी जमीन पर पशुओं के लिए एक बड़ा जलकुंड भी बनवा दिया। इस इलाके में कोई मांसाहारी जानवर भी नहीं है इसके कारण भी हिरणों की संख्या में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है। हीरो की संख्या बढ़ने के साथ-साथ यहां पर उनकी तस्करी करने वालों की भी आवाजाही शुरू हो गई थी। साल 2008 से 2010 के बीच गुरु स्वामी और गांव के अन्य लोगों ने उन तस्करों को पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया था। पशुओं के प्रति गुरु स्वामी के मन में इतनी अटूट संवेदना सचमुच आश्चर्यचकित करने वाली है।



Post a Comment

और नया पुराने