वन्यजीवों की चिकित्सा, बचाव,लालन-पालन,पुनर्वास तथा प्रकृति संरक्षण के क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से उत्कृष्ट सेवाएं करने पर राजकीय सम्मान ।
मानव सेवा की तरह करती है मूकप्राणियों की सेवा
राजस्थान बिश्नोई समाचार नागौर जंभेश्वर रेस्कयू सेंटर ,श्रीबालाजी में संचालित है । ज्यादातर हिरण घायल आते हैं, कुत्ते चमड़ी फाड़ देते हैं । पैर तोड़ देते हैं । गला दबा देते हैं । कांटेदार तारों से चमड़ी उधड़ जाती है । सड़क दुर्घटना में गंभीर घायल हो जाते हैं । पुराने घाव सड़ने से मवाद व कीड़े पड़ जाते हैं ,कुछ हिरण बीमार पड़ जाते हैं। ऐसी स्थिति में खून से लथपथ वन्यजीव के घाव को दवा युक्त पानी से धोना चमड़ी सिलना ,टूटे हुए पैर को काटकर ऑपरेशन करना, पुराने घाव पर दवा लगाकर कीड़े मारना । हाथ से उनके मुंह में खिलाना पिलाना । घाव पर पट्टी करना ,अलग पिंजरे में अकेले को या अन्य हिरणों के साथ छोड़ना, जिससे इन प्राणियों को जबरदस्त राहत मिलती है । प्राण नहीं बच पाते हैं तो भी मूकप्राणी की अंतिम समय में मानव की तरह सेवा करना बड़ा समर्पण है,पुण्य का काम है । जो इस केंद्र पर किया जा रहा है । कुमारी पूजा बिश्नोई ,उसकी मां श्रीमती पूनम बिश्नोई 24 घंटे इनकी सेवा करती है । घायल हिरणों का नामकरण कर लेती है । सबको समय पर दवाई पानी चारा छाया धूप ठंड गर्मी का ध्यान रखती है । पिंजरों से बाहर कब निकालना है कब अंदर रखना है ,सब टाइम टेबल बना हुआ है । छोटे शावक है उनको दूध पिलाती है । बच्चों की संख्या 1 से लेकर 10, 12 तक होती है तो भी सबको हर 2 घंटे बाद हल्का गर्म करके बोतल से दूध पिलाती है । जो अनाथ शावक एकदम छोटे हैं उनको अपने साथ ही बिस्तर पर सुलाती है । उनके बिस्तर बदलती है । सबको दीर्घशंका,लघु शंका कराती है। मानव शिशु की तरह प्यार से पालती है । छोटू शेरू सोना मोना परी सोनू गिलू, ठाकर,मिरगी,डॉन आदि अनेक नामके हिरण है । सबकी सेवा पूर्ण समर्पण के साथ कर रही है ।
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