बिश्नोई समाज का इतिहास गौरवशाली :- कुलदीप बिश्नोई
हरियाणा बिश्नोई समाचार श्रीराम ढाका अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा की आम सभा की बैठक रविवार को गुरुग्राम में संपन्न हुई, जिसमें हरियाणा, राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न राज्यों से महासभा के सदस्यों एवं पदाधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में महासभा के चुनावों, कोविड नियमों में आसौज के मुकाम मेले का आयोजन, गुरूग्राम में निर्माणाधीन चौ. भजनलाल स्मृति सदन की प्रति रिपोर्ट एवं आगामी निर्माण संबंधित कार्यों, जयपुर, इंदौर, लखनऊ में बिश्नोई धर्मशाला के लिए राज्य सरकारों से भूमि लेने हेतु सहित अनेक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई।
बैठक को संबोधित करते हुए महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान महासभा के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने लोगों की मदद के लिए जो अपने-अपने स्तर पर सामाजिक कार्य किए हैं, वह काबिले तारीफ है।
अभी भी कोविड महामारी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है और सावधानी हटने पर फिर से संक्रमण फैलने की आशंका है, इसलिए सभी को कोविड नियमों की पालना करनी चाहिए। गुरू महाराज ने भी कहा है कि सबसे पहले निरोगी काया। उन्होंने कहा कि बिश्नोई समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है कि उसने अपने कार्यों से अन्य समाजों के सामने आदर्श उदाहरण पेश किए हैं। चाहे पर्यावरण की रक्षा करना हो या जीव-जतुंओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों को भी दांव पर लगाने से न पीछे हटने वाले समाज में महान विभूतियां रही हों। हमें अपने उसी गौरवशाली इतिहास पर चलते हुए कार्य करना है और इसके लिए समाज की एकजुटता बहुत जरूरी है। कोई भी समाज तभी चहुंमुखी विकास कर सकता है जब वह एकजुट रहे। जननायक स्व. चौ. भजनलाल ने ताउम्र अपने कार्यों से समाज के उत्थान में अपना जीवन लगाया। उन्हीं के पदचिन्हों पर चलते हमें समाज को एक सूत्र में पिरोकर आगे बढऩा है, तभी हम सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक तौर पर आगे बढ़ पाएंगे। बैठक को प्रधान रामस्वरूप मांझू, फतेहाबाद के विधायक दुड़ाराम, यूपी से विधायक सलील बिश्नोई सहित अन्य वरिष्ठ गणमान्य लोगों ने संबोधित किया। बड़ी संख्या में लोगों ने महासभा की और ज्यादा मजबूती के लिए सुझाव दिए तथा समाज के सामाने आ रही सामाजिक चुनौतियों एवं समस्याओं के निराकरण के लिए भी विस्तृत चर्चा हुई तथा सबने अपने-अपने सुझाव दिए। इस दौरान महासभा के प्रधान रामस्वरूप मांझू, विधायक दुड़ाराम, विधायक सलील बिश्नोई, देवेन्द्र बुडिया, सुभाष देहडू, पतराम लोहमरोड, अमरसिंह खोखर, रामस्वरूप धारणिया, कृष्णकुमार बिश्नोई, हुकमाराम खिचड, सहदेव कालीराणा, सुशील भादू, नारायण डाबड़ी, राजाराम धारणिया, गंगाबिश्न भादू, कृष्ण सिगड़, सोमप्रकाश सिगड़, पप्पुराम डारा, नरसिंह ज्याणी, जगदीश कड़वासरा, राजाराम खिचड़, भूपसिंह गोदारा, निहालसिंह गोदारा, प्रोमिला बिश्नोई, छोटूराम भादू, पूनमचंद, पांचाराम, मोहनलाल खिलेरी सोनड़ी, बलदेव खोखर, सुनील गोदारा आदि उपस्थित थे।
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