डॉ. अशोक नगर में जन्म जयंती पर लगाया वटवृक्ष का पौधा हिंदू धर्म में बहुत महत्व हैं वटवृक्ष का

राजस्थान बिश्नोई समाचार धोरीमन्ना निकटवर्ती डॉ अशोक नगर में स्व डॉ अशोक विश्नोई की जन्म जयंती पर वट का वृक्ष लगाया गया जिसकी हिंदू धर्म में बहुत महत्व बताया गया है। वट वृक्ष का पौधा श्री गुरु जंभेश्वर मंदिर डॉ अशोक नगर में लगाया गया अध्यापक बालूराम ढाका ने बताया की इस पेड़ की आयु पांच सौ से एक हजार वर्ष की होती है। लेकिन अभी तक इसकी सही आयु का पता नहीं चल पाया है। इसे बरगद का पेड़ भी कहते हैं इसे भगवान शिव के समान माना जाता है। अनेक व्रत व त्यौहारों में वटवृक्ष की पूजा की जाती है। आज भारत में कई हजार वर्ष पुराने बरगदों के पेड़ पाये जाते है जैसे उज्जैन का सिद्धवट, प्रयाग का अक्षयवट, मथुरा-वृंदावन का वंशीवट, गया का गयावट, पंचवटी (नासिक) का पंचवट प्रमुख है भारत में 'द ग्रेट बनियान ट्री' नाम का 250 साल से अधिक आयु का बरगद आज भी कोलकाता के आचार्य जगदीश चंद्र बोस बॉटनिकल गार्डन में है। बालूराम ने बताया की हमारे भतीज रेजिडेंट डॉक्टर्स के पूर्व अध्यक्ष स्व.अशोक बिश्नोई की जन्म जयंती पर पौधा लगाया है। ताकी आने वाली पीढ़ी के लिए यादगार बन सके यह पौधा डॉ अशोक के नाम से बना नया राजस्व ग्राम डॉ अशोक नगर में लगाया है। अशोक नेक निर्भीक होनहार व्यक्ति व वर्तमान में युवाओं के मार्गदर्शक थे। गुड़ामालानी विधायक हेमाराम ने डॉ साहब के जीवन यादगार के रूप में राजस्व गांव का रूप दिया उनका भी हम हृदय की गहराई से आभार व्यक्त करते हैं।

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