बाड़मेर ग्रामीण इलाकों में बढ़े आवारा कुत्ते, हर रोज 3 हिरण को बना रहे शिकार
वन विभाग बोला खेतों की तारबंदी में फंस जाते हैं हिरण
राजस्थान बिश्नोई समाचार बाड़मेर में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। जिले में आये दिन आवारा कुत्ते हिरण को शिकार बना रहे हैं। बीते एक माह में 14-15 हिरणों को शिकार बना चुके हैं। गुरुवार को सुबह सऊओं की ढाणी भूरटिया सहित अलग-अलग जगहों पर आवारा कुत्तों ने हिरण को शिकार बना लिया है।
जिले में पिछले एक माह में 60-70 हिरणों के मारे जाने की सूचना मिली है। जिले में ग्रामीण इलाकों में पिछले कुछ महीनों से आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ग्रामीण इलाकों में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ना दूसरी तरफ खेतों के चारों तरफ तारबंदी करने से हिरण इन तारों में फंस जाते हैं और कुत्ते आराम से उसको शिकार बना देते हैं।
गुरुवार को सुबह सऊओं की ढाणी, भूरटिया से वन विभाग को सूचना मिली कि आवारा कुत्तों ने एक हिरण को शिकार बना लिया। इस पर वन विभाग की टीम को भेजा गया है। भूरटिया में आवारा कुत्ते हिरण को शिकार कर रहे थे। इस दौरान वन्य प्रेमी सोनाराम पोटलिया, घनश्याम सेऊ, जेठाराम सारण ने कुत्तों से हिरण को छुड़वाया लेकिन हिरण घायल हो गया है।
वन विभाग की टीम ने हिरण को ले जाकर इलाज शुरू कर दिया है। ग्रीनमैन नरपत सिंह राजपुरोहित का कहना है कि दो-तीन पहले मिठड़ा, सोडियार, रामदेरिया क्षेत्र में आवारा कुत्तों ने चार हिरणों को शिकार बनाया था।
मिठड़ा गांव में हिरण के चिल्लाने की आवाज से अजय सिंह ने कुत्तों के चुंगल से छुड़वाया। एक अन्य स्थान पर एक हिरण की मौत हो गई थी और तीन को वन विभाग की टीम को बुलवाकर सौंप दिया था। जिला प्रशासन को आवारा कुत्तों पर अंकुश लगाने के लिए कुत्तों की नसबंदी अभियान चलाना चाहिए।
सहायक वन संरक्षक (ACF) के मुताबिक पिछले कुछ समय से आवारा कुत्तों का आतंक बढा है। ग्रामीण इलाकों में हिरण के साथ भेड़ बकरियों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। वन विभाग के पास हर रोज 2-3 हिरण घायल हाेने की सूचना मिल रही है।
हिरण और मवेशियों को बना रहे शिकार
ग्रामीण इलाकों में आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़़ती जा रही है। यह आवारा कुत्ते न केवल हिरण (चिंकारा) को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि भेड़-बकरियों को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। खेतों में जगह-जगह तारबंदी होने की वजह से हिरण व मवेशी भागते वक्त तारबंदी में फंसे जाते हैं। कुत्ते आसानी से निशाना बना देता है। जिले में लोगों की जागरूकता की वजह से काफी हिरणों की जान तो बची है।
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