युवाओं ने घायल वन्यजीवों को रेस्क्यू कर उपचार करने का उठाया बीड़ा धोरीमन्ना में

राजस्थान बिश्नोई समाचार बाङमेर धोरीमन्ना 100 से अधिक वन्यजीवों को मिला जीवनदान रेस्क्यू सेंटर में हिरण, खरगोश, नीलगाय, मोर, कछुआ सहित कई प्रजाति के वन्य जीव

धोरीमन्ना क्षेत्र के कारतला गांव के युवाओं ने वन्यजीवों के संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर अनूठी मिसाल पेश की है युवाओं ने मिलकर करीब 1 वर्ष पूर्व घायल वन्यजीवो को रेस्क्यू कर उनका उपचार करने का बीड़ा उठाया और आज 100 से अधिक वन्यजीवों को जीवनदान दिया है युवा क्षेत्र में वन्यजीवों के घायल होने की सूचना मिलती है जिन के बाद घायल वन्य जीव को कातरला में स्थित रेस्क्यू सेंटर लाते हैं जहां उनका इलाज करते हैं और पालन पोषण भी करते हैं रेस्क्यू सेंटर में हरिणों के कुनबे, अन्य वन्य जीवों के सरंक्षण को लेकर किए जा रहे कार्य को देखकर प्रवासी वन्य जीव प्रेमी भी आगे आए हैं उन्होंने अमृता देवी वन्य जीव संरक्षण संस्थान को सहायता राशि सौंपी है इतना ही नहीं क्षेत्र के लोग भी पशु-पक्षियों के लिए चारा व दाना-पानी की व्यवस्था करते हैं। इसके अलावा सुबह के समय आस पास रहने वाले कई किसान परिवार भी हरिणों के लिए चारा लेकर पहुंचते है 

आवाज लगाते ही दौड़ आते हैं हरिण

सभी जानते हैं खुले में स्वच्छंद विचरण करने वाला शांत जीव हरिण हर किसी को देखकर ही भाग जाता है, लेकिन यहाँ के लोगों का हरिणों के प्रति ऐसा प्रेम बन गया है कि एक आवाज सुनते ही हरिण झुंड के साथ दौड़ आते हैं और उछल-कूद शुरू कर देते हैं। सुबह और शाम उछल-कूद करते खेलते हरिणों को देख हर कोई गदगद हो जाता है.

रेस्क्यू सेंटर के लिए दान दी जमीन

गांव के युवाओं को वन्य जीवो के प्रति प्रेम को देखकर किसान सगरामाराम भी अभिभूत हो गए उन्होंने अपने खेत में रेस्क्यू सेंटर खोलने के लिए 1 बीघा जमीन अमृता देवी वन्य जीव संरक्षण संस्थान के नाम की जहाँ वर्तमान में रेस्क्यू सेंटर का संचालन हो रहा है

धोरीमन्ना में सरकारी रेस्क्यू सेंटर में वन्यजीवों के इलाज के लिए कोई सुविधा नहीं जिसको लेकर मन में कुछ करने की आस जगी युवाओं की टोली बनाकर कार्य को आगे बढ़ाया और कातरला में रेस्क्यू सेंटर खोला जहां 100 से अधिक वन्यजीवों को इलाज के बाद जीवनदान मिला
किशोर भादू, सरंक्षक अमृता देवी वन्य जीव संरक्षण संस्थान कातरला

अमृता देवी वन्य जीव संरक्षण संस्थान बना कर घायल वन्यजीवों का उपचार कर उन्हें जीवनदान  देने का बीड़ा उठाया है आसपास के क्षेत्र से हर रोज घायल वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर पहुंच रहे हैं उन्हें उपचार मिल रहा है
- जगदीश भादू, अध्यक्ष अमृता देवी वन्य जीव संरक्षण संस्थान कातरला।

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