धोरे पर पाहल ग्रहण करना और जांभोजी नाडिया से मिट्टी आने का क्रम भी दूसरे दिन चलता रहा। इस दौरान मंदिर परिसर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं की थर्मल स्केनिंग करने और उनको सेनेटाइज करने का सिलसिला भी चलता रहा।
लाखों श्रद्धालुओं ने गुरु महाराज की समाधि पर लगाई धोक : फाल्गुन मेला में शनिवार को भारत के विभिन्न प्रदेशों से आए लाखों श्रद्धालुओं धोक लगाई। कोविड-19 की वजह से हमेशा से मेला आधे से भी कम रहा। शुक्रवार रात को अमावस्या का जागरण मंदिर परिसर में हुआ। कोविड गाइडलाइन के चलते इस बार मेले और यहां सजी दुकानों पर कम ही भीड़ रही।
मेले में वही कृषि सामग्री, मिर्ची बाजार, चिनार की माटी के बर्तनों की मीना बाजार घरेलू सामग्री का बाजार लगे थे परंतु हमेशा की बजाय इस बार दुकानें कम थी। किसानों के लिए कृषि सामान मेला बाजार 10 दिन और चलेगा। खाद्य सामग्री पेय पदार्थ की कोई दुकान नहीं लगने दी। सेवकदल के पदाधिकारी और सेवकों ने यातायात, मेला व्यवस्था, मेला बाजार, बेरियल, मंदिर हवन यज्ञ, समाधि, दर्शन व्यवस्था भोजनशाला भोजन व्यवस्था में लगे रहे सेवा भाव से कार्य किया।
बिश्नोई महासभा के रक्तदान शिविर में 50 यूनिट ब्लड डोनेट
अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा मुख्यालय के मीटिंग हॉल में महासभा की ओर से आयोजित रक्तदान शिविर में 150 लोगों ने रक्तदान किया। अध्यक्ष रामस्वरूप मांझू, सोमप्रकाश सीगड़, सीताराम बिश्नोई, रामस्वरूप धारणियां, रक्तदान स्वास्थ्य समिति महासचिव डॉ. रामकिशोर लोल, रक्तदान स्वास्थ्य समिति सचिव बुधराम ज्याणी ने रक्त शिविर का उद्घाटन किया। शिविर में समाज के युवाओं ने स्वेच्छा से 150 यूनिट रक्तदान किया। शिविर में पीबीएम के डॉक्टरों की टीम ने रक्त संग्रहीत किया। नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने रक्तदान शिविर का अवलोकन किया।
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