खेजड़ली में बड़ा अभ्यारण घोषित होना जरुरी
290 वर्ष पहले हुआ था प्रकृति बचाओ आंदोलन
राजस्थान बिश्नोई समाचार जोधपुर 2 जनवरी । श्री जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था राजस्थान की टीम ने आज निकटवर्ती ग्राम खेजड़ली पहुंचकर शहीदी स्थल पर चल रहे वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर का निरीक्षण किया ।
उक्त सेंटर की संचालक श्रीमाता अमृतादेवी वन्यजीव संरक्षण संस्थान खेजड़ली के अध्यक्ष घेवरराम गोदारा, कोषाध्यक्ष रामस्वरूप खावा,महामंत्री श्यामसुंदर गोदारा ने मौके पर उपस्थित होकर संस्था की टीम का स्वागत किया । अर्थ हीरो अवॉर्डी एवं प्रदेश महामंत्री पीराराम धायल ,संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रामरतन बिश्नोई ने हिरणों के लिए छाया पानी चारा चिकित्सा सरंक्षण स्वस्थ होने के बाद जंगल में छोड़ना रेस्क्यू सेंटर के लिए भूमि का विस्तार कराना उसमें सुविधाएं उपलब्ध कराना हरे चारे की व्यवस्था करना आदि विभिन्न विषयों पर विस्तार से जानकारी ली चर्चा की और मार्गदर्शन दिया ।
प्रदेश अध्यक्ष रामरतन बिश्नोई ने कहा कि 363 शहीदों की स्मृति में वन्यजीवों की सेवा करने का यह कार्य अनुकरणीय कदम है ।
उन्होंने बताया कि आज से 290 वर्ष पहले 84 खेड़ों के हजारों लोगों ने प्रकृति बचाओ आंदोलन चलाया था जिसमें वृक्षों की कटाई को रोकते हुए 363 नर-नारी पेड़ों के चिपक कर वीरगति को प्राप्त हो गए थे । उनकी याद में राज्य सरकार को एक बहुत बड़ा अभ्यारण प्रकृति बचाने और वन्यजीवों को बचाने के लिए खेजड़ली में घोषित करना चाहिए।
खेजड़ली के सरपंच हापूराम गोदारा ने आश्वासन दिया कि वन्यजीव विचरण के लिए ग्राम पंचायत भूमि उपलब्ध करवाने का प्रयास करेगी । सेवानिवृत्त अध्यापक सुखदेव गोदारा ने भी अपने विचार रखे ।
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