राजस्थान बिश्नोई समाचार बाङमेर धोरीमन्ना राजस्थान लोक सेवा द्वारा आयोजित स्कूल प्रधानाध्यापक परीक्षा 2018 में सम्पूर्ण राजस्थान से 108 वीं रैंक के साथ चयनित श्री ओमप्रकाश जी गोदारा पुत्र स्वर्गीय श्री भारमलराम जी गोदारा(भलीसर,धोरीमन्ना,बाड़मेर) के परिचय से वाकिफ कराते हैं।
अटल जी "हार नहीं मानूँगा,रार नहीं ठानूंगा; काल के कपाल पर लिखता- मिटाता हूँ" पंक्तियाँ को चरितार्थ करते हुए आज वो मुकाम हासिल किया।
विपरीत परिस्थितियों से स्वयं को मजबूत किया। सन् 2014 की घटना जो हृदय विदारक थी।भगवान की लीला टाले भी नहीं टल सकती है।अपनी शुरूआती प्रतियोगिता परीक्षा के दौरान पिता का छाया सिर से हट जाना और अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाना इससे ज्यादा और विकट घड़ी क्या हो सकती हैं।
इस विकट से उबरने की कोशिश ही कर रहे थे उस दौरान पुलिस भर्ती परीक्षा में भी अंतिम मेरिट सूची कुछ अंकों से बाहर कर दिए गए।
स्वयं को इस परिस्थिति से मजबूत कर पुनः अपने दौर को शुरूआत किया।
कुछ समय तक अपनी शिक्षण व पारिवारिक हालात को पटरी पर लाने के लिए एक बतौर प्राथमिक अध्यापक के रूप में निजी शिक्षण संस्थान में अध्यापन कार्य करवाया।
तत्पश्चात पुनः रीट परीक्षा 2018 में भाग्य ने कुछ साथ नहीं दिया कुछ अंकों से पीछे रह गए ।
भाग्य में जब कुछ और कर गुजरने को लिखा होता है तो वो होकर ही रहता है। इसी तरह राजस्थान पुलिस,राजस्थान जेलर,वनपाल एवं वनरक्षक जैसी काफी परीक्षाओं में चयन नहीं होने के बाद भी स्वयं को फौलाद की तरह मजबूत करके स्कूल व्याख्याता परीक्षा के तैयार किया।
इस सफलता का श्रेय उन्होंने दिवंगत पिता श्री,ब्रह्मास्त्र के रूप में माता एवं पिता की प्रतिपूर्ति बड़े भाई साहब सुरेश कुमार,परिवार जन के सदस्य,मामा श्री किसनाराम जी खिचड (वरिष्ठ अध्यापक नेड़ीनाडी) आदि को दिया।
शिक्षा के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप वाले शिल्पकार श्री केसाराराम जी प्रारंभिक शिक्षक और इस व्याख्याता भर्ती परीक्षा हेतु तराशने वाले भूगोलविद् डाॅ.श्री रमेश जी सोनी सर और भाटिया आश्रम सूरतगढ की टीम को भी श्रेय दिया।
"वक्त की डोर बदलनी हो तो कुछ इनसे भी सीख लेना ए मुसाफ़िर जिंदगी के लोगों"।
एक टिप्पणी भेजें