धोरीमना पंचायत समिति में पिता के गढ़ को बेटा बचाने में हुआ कामयाब


पिता स्व.मंगलाराम विशनोई के निधन के बाद पुत्र मनोहर विशनोई के नेतृत्व में लगातार दो चुनाव जीते

- खुद सरपंच बना और मां को पंचायत समिति सदस्य का चुनाव जीताया
राजस्थान बिश्नोई समाचार बाङमेर धोरीमन्ना/भुवनेश राव ।शास्त्रों में भी लिखा हुआ है कि माता-पिता के बताए हुए मार्गो पर उनकी संतान को चलना चाहिए ताकि वह जीवन में अपनी सफलताओं की ओर आगे बढ़ सके और ऐसा ही उदाहरण हाल ही में धोरीमन्ना पंचायत समिति के पंचायती राज चुनावों में देखने को मिला धोरीमन्ना पंचायत समिति के पूर्व प्रधान स्वर्गीय मंगलाराम बिश्नोई के निधन के बाद धोरीमन्ना पंचायत समिति क्षेत्र में मंगलाराम के परिवार कि राजनीतिक जिम्मेदारी उनके छोटे पुत्र मनोहर बिश्नोई पर आ गई थी और मनोहर बिश्नोई ने अपनी कड़ी मेहनत करते हुए बड़े भाई डॉ देवेंद्र विशनोई व अपनी बड़ी बहन पूर्व प्रधान वर्षा विशनोई,पूनम विशनोई के आशीर्वाद से अपने पिता के बताए हुए मार्ग पर चलते हुए ठीक आज से छ माह पूर्व अपने पिता के सरपंच की सीट को बचाते हुए सरपंच पद पर पुनः कब्जा किया और स्वयं सरपंच बने और इसके बाद मनोहर विशनोई के ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी उनकी कांग्रेस पार्टी के  धोरीमन्ना पंचायत समिति में प्रधान बनाने की थी और उसमें भी मनोहर बिश्नोई किंग मेंकर साबित हुआ और उन्होंने अपनी मां को निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में धोरीमन्ना पंचायत समिति के वार्ड नंबर 21 से चुनाव मैदान में उतारा और उनकी माताजी विजयी हुई। 
लेकिन इस दौरान एक चौकाने वाली बात सामने आई कि स्व. मंगलाराम विशनोई का परिवार काग्रेसी होने के बावजूद काग्रेस की टिकट न लेकर के निर्दलीय प्रत्याशी बनकर चुनाव लड़े थे। इस घटनाक्रम के बारे में स्व. मंगलाराम विशनोई के पुत्र मनोहर विशनोई से मीडिया ने सवाल - जवाब जरूर किए लेकिन मनोहर विशनोई ने एक ही जवाब दिया कि यह हमारी अंदरूनी रणनीति थी। धोरीमन्ना पंचायत समिति के सदस्यों के 21 वार्डों के परिणाम जारी होने के बाद भाजपा दस व काग्रेस भी दस सीटों पर जीत कर अटक गए और दोनों राष्ट्रीय पार्टियों को एक - एक और सदस्य की जरूरत थी लेकिन इस दौरान मनोहर विशनोई की मां निर्दलीय जीत करके प्रधान चुनाव के लिए किंग मेकर के रूप में तैयार हो गई सबकी नजर थी कि आखिर निर्दलीय माडू विशनोई किसका साथ देगी? लेकिन आखिर में उन्होंने पूर्व राजस्व मंत्री हेमाराम चौधरी के कहने पर काग्रेस का साथ देते हुए काग्रेस के दिग्गज नेता गोरधनराम कड़वासरा की पुत्र वधू इंदुबाला विशनोई का समर्थन किया और इंदुबाला विशनोई धोरीमन्ना की प्रधान बनी।
स्व.मंगलाराम विशनोई पूर्व में प्रधान रह चुके है वहीं उनकी पुत्री वर्षा विशनोई भी धोरीमन्ना पंचायत समिति की प्रधान रह चुकी है और स्व.मंगलाराम विशनोई के बड़े पुत्र डॉ. देवेंद्र विशनोई भी पंचायत समिति सदस्य रह चुके है और वर्तमान में राजकीय चिकित्सा अधिकारी के रूप में बाड़मेर में सेवाएं दे रहे हैं।

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