राजस्थान बिश्नोई समाचार बाङमेर धोरीमन्ना के निकटवर्ती कातरला गांव स्थित चल रहे अमृता देवी वन्यजीव सरक्षण संस्थान जो धोरीमना क्षेत्र सहित आसपास के ग्रामीण एरिये से घायल हिरन सहित सभी वन्य जीवों के पालन पोषण के लिए संचालित किया जा रहा है, संस्थान के सरंक्षक नेना राम बेनीवाल ने बताया कि बेजुबा वन्यजीवों की दयनीय स्थिति को देखकर वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए संस्थान खोलने की मन में लालसा जगी तथा गाव के युवा व समानिय नागरिकों से चर्चा की। जिसको लेकर गांव के समाज सेवी सगराम खिलेरी कातरला द्वारा जमीन भेट की ओर युवाओं के साथ मिलकर अम्रता देवी वन्यजीव संस्थान की दस माह पहले स्थापित की। तूफानी समूह गुड़ामालानी के संस्थापक गणेश गोदारा ने बताया कि प्रकृति और अन्य वन्यजीव प्रजातियों के महत्व को पहचानने के लिए वन्यजीवों का संरक्षण आवश्यक है। लुप्तप्राय पौधों और जानवरों की प्रजातियों को उनके प्राकृतिक निवास स्थान के साथ रक्षा करना भी ज़रूरी है।सबसे प्रमुख चिंता का विषय यह है कि वन्यजीवों के निवासस्थान की सुरक्षा किस प्रकार की जाए ताकि भविष्य में वन्यजीवों की पीढ़ियां और यहां तक की इंसान भी इसका आनंद ले सकें. यह लेख वन्यजीवों के संरक्षण के लिए आवश्यक चरणों से संबंधित है। जिससे प्रेरित होकर आज युवाओं से चर्चा कर अम्रता देवी वन्यजीव संस्थान में एक लाख रुपये का सहयोग किया, संस्थापक नेना राम ने सभी सहयोगकर्ताओ का आभार व्यक्त किया।
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