राजस्थान बिश्नोई समाचार जोधपुर किसान के बेटे ने हासिल की JEE MEAN की परिक्षा में हासिल की ओल इंडिया रेकिंग 1343 ओर रच दिया इतिहास।
जोधपुर के लोहावट तहसील के ग्राम पंचायत केरला नाडा भीकमकोर में एक बेहद सामान्य किसान परिवार रहता है जिसका नाम है भगवान राम कांवा बिश्नोई व पत्नी का नाम है कमला देवी,जीनके दो पुत्र व दो पुत्रियां हैं भगवानराम खेती का काम करते ।
पत्नी भी एक ग्रहणी है घर की आमदनी कम होने से भगवानाराम ने हमेशा से ही आर्थिक तंगी का सामना किया,कम आमदनी होने से भगवानाराम बच्चों का पालन पोषण व पढाई कराने में संकट का सामना करता है भगवानाराम के चार बेटे बेटियों में से अपनी सबसे बड़ी पुत्री से छोटा पुत्र हैं जीसका नाम रामदयाल है
रामदयाल शुरू से ही पढ़ाई में बहुत होसियार था शुरू से ही मन में तय कर लिया था कि मुझे जिंदगी में कुछ बहुत बड़ा करना है रामदयाल ने पहली से दसवीं कक्षा तक ओसियां के एक निजी स्कूल के हिन्दी मिडियम में पढाई की रामदयाल ने 2017 में दसवीं बोर्ड की परीक्षा में 92% हासिल किए अब रामदयाल ने मन में ठान लिया कि मुझे अब भारत के प्रतिष्ठित इंजिनियर परिक्षा JEE MEAN व एडवांस की परिक्षा पास कर के आईआईटीयन बनना है
लेकिन रामदयाल के समने परिवार की आर्थिक तंगी का भी बहुत बड़ा संकट खड़ा था लेकिन रामदयाल के पिता भगवानाराम व मां कमला देवी ने अपने बेटे को कहा हम रात दिन मजदुरी कर के भी तुम्हें पढ़ाएंगे रामदयाल मां बाप की यह बात सुनकर तय कर लिया कि अब में मेरे गरीब मां बाप का सपना पुरा करके ही दम लुगा फिर रामदयाल ने अपनी तैयारी कि लिए सन् 2017 में कोटा के रेजोनेंस कोचींग में प्रवेश लेकर अपने बड़े मिशन की शुरुआत की दो वर्ष कोटा में रहने के बाद रामदयाल ने कक्षा 11वी व 12वी पास की बारहवीं कक्षा पास करने के बाद रामदयाल ने सन् 2019 में कठोर परिश्रम कर के जेईई-मेन व जेईई-एडवांस की परिक्षा दी लेकिन दुर्भाग्यवश वंश रामदयाल बहुत कम थोड़े नबंरो से पिछे रह गया
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अब घर की आर्थिक तंगी के कारण रामदयाल का आगे कोटा में कोचिंग करना मुश्किल हो गया इधर गांव के लोगों ने परिवार का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया बड़े शिक्षा के पंडितों ने भी कह दिया अब रामदयाल आगे की परिक्षा में सफल नहीं हो सकता लेकिन रामदयाल के इरादे बहुत ही अटल थे रामदयाल ने पुरे साल अपने घर पर ही एक कमरे में अपने आप को केद करके चोबीसों घंटे अपने मिशन को जारी रखा फिर अगस्त 2020 में जेईई-मेन की परिक्षा दी जिसमें रामदयाल ने बड़े बड़े बुद्धिजीवीयों व पंडितों के अनुमानों को ध्वस्त करते हुए 99.21पर्सेंनटाईल के साथ साथ ओल इंडिया में 1343 वी रेंक हासिल कर के एक इतिहास रच दिया इस एतिहासिक परिणाम के साथ रामदयाल ने अपने पिता भगवानाराम व मां कमला देवी का सिना गर्व से चौड़ा कर दिया गांव में मजाक उड़ानें वाले सभी लोगों ने कहना शुरू कर दिया आपके बेटे ने गांव का नाम कर दिया, रामदयाल ने इस परिणाम से अपने मां बाप गांव व पुरे बिश्नोई समाज का नाम रोशन किया है आने समय में सभी विधार्थियों के लिए रामदयाल रोल मॉडल रहेगा हम सभी की तरफ से रामदयाल कांवा बिश्नोई को उज्जवल भविष्य की मंगल कामनाएं
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