पर्यावरण:पेड़ों की रक्षा करने वालों की याद में श्रद्धांजलि सभा आज

पर्यावरण:पेड़ों की रक्षा करने वालों की याद में श्रद्धांजलि सभा आज

चौटाला रोड पर स्थित गुरु जंभेश्वर मंदिर एवं बिश्नोई धर्मशाला प्रांगण में आज सोमवार को 363 खेजड़ली बलिदानयों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। साथ ही यज्ञ अनुष्ठान होगा जिसमें सभी पर्यावरण प्रेमी हिस्सा लेंगे। साथ ही 1730 में हुए खेजड़ली बलिदान पर पर्यावरण दिवस घोषित किए जाने की मांग उठाई है।

बिश्नोई सभा प्रधान कृष्ण लाल जादूदा व सचिव इंद्रजीत बिश्नोई ने बताया कि बिश्नोई धर्म के नियम रक्षार्थ पेड़ो को बचाने के लिए अपना जीवन बलिदान करने वाले 363 शहीदों को अखिल भारतीय बिश्नोई युवा संग़ठन द्वारा सुबह 7 बजे श्रद्धांजलि-यज्ञ कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा।

उन्होंने बताया कि राजस्थान की मारवाड़ की धरती पर सन् 1730 में गुरु जम्भेश्वर महाराज के बनाये नियमों के पालनार्थ 363 लोगों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। इनमें बच्चे, स्त्रियां, जवान व वृद्ध सभी उम्र के लोग शामिल थे। इंद्रजीत बिश्नोई ने कहा कि आज पर्यावरण असंतुलन के इस दौर में इतनी बड़ी प्रेरणादायक घटना और कोई नहीं हो सकती। अब समय है पेड़ों के लिए जान देने वाले बलिदानियों का इतिहास हम सभी को स्मरण हो और पर्यावरण संरक्षण में प्रेरणादायी यह कहानी हम सभी को बता सकें।

अमृता देवी सहित 363 लोगों की याद में भारत सरकार द्वारा भी ‘पर्यावरण संरक्षण ‘पुरस्कार दिया जाता है। समाज के लोगों की यह भी मांग है कि ‘माता अमृता देवी बिश्ननोई’ के नाम पर ‘भारतीय पर्यावरण दिवस’ की घोषणा भारत की संसद से की जाये ताकि पर्यावरण संरक्षण की इस ऐतिहासिक घटना से समस्त छात्रों को प्रेरणा मिल सके तथा आत्मबलिदान की इस घटना की स्मृति को चिरस्थायी बनाया जा सके।

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