जयपुर. राजस्थान के वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम बिश्नोई (Sukhram Bishnoi) ने विश्व प्रसिद्ध खारे पानी की सांभर झील (Sambhar Lake) में अवैध पंप सेटों के संचालन पर अफसरों के प्रति कड़ा रुख अपनाते हुए तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. वन मंत्री ने अफसरों से तल्ख लहजे में कहा कि पर्यावरण विकास पर ठोस कार्य करने की जरूरत है और कामकाज में गति लानी होगी. इसके अलावा वन मंत्री ने शासन सचिवालय में आयोजित स्टेट वेटलैंड अथॉरिटी की दूसरी बैठक में सांभर झील में हो रहे अतिक्रमण पर नाराजगी जताई. उन्होंने मुख्य सचिव को विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिए हैं. सुखराम बिश्नोई ने कहा कि प्रतिबंधित गतिविधियों के मध्य नजर उचित वातावरण एवं संरक्षण किया जाए. सांभर झील समेत प्रदेश के अन्य जलाशयों में औद्योगिक कचरा फैलाने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई होनी चाहिए.
पर्यावरण विकास पर होंगे ठोस कार्य
मुख्य सचिव राजीव स्वरूप में कहा कि वर्तमान परिस्थिति में पर्यावरण के बढ़ते हुए महत्व तथा सतत विकास के लिए पर्यावरण विकास पर ठोस कार्य करने की जरूरत है. वन एवं पर्यावरण विभाग की प्रिंसिपल सेक्रेट्री श्रेया गुहा ने बैठक के निर्णय के बारे में बताया कि पर्यावरण जलवायु निदेशालय वेटलैंड अथॉरिटी का सचिवालय होगा. जिला स्तर पर जिला पर्यावरण समितियों के माध्यम से वेटलैंड संबंधी कार्य किए जाएंगे. बैठक में प्रथम चरण में चयनित 6 वेटलैंड के अतिरिक्त प्रदेश में 52 वेटलैंड का चिन्हकरण करने का प्लान बनाया जाएगा. प्रदेश के जलाशयों में अपशिष्ट नहीं डाले जाने की ठोस योजना पर अमल होगा.
गत वर्ष 12 हजार पक्षियों की हो गई थी मौत
राजधानी जयपुर के पास स्थित 2019 में सांभर झील क्षेत्र में एक सप्ताह के दौरान ही 12 हजार से अधिक पक्षियों की मौत हो गई थी. जबकि मरने वाले पक्षियों में हिमालय साइबेरिया नॉर्थ एशिया समेत कई देशों से आने वाले प्रवासी पक्षी शामिल थे. हालांकि इस मामले में सरकार ने जांच बैठाई थी लेकिन मौत के कारणों का सही पता नहीं चल पाया था.
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