50 से अधिक वन्यजीवों एवं घायल पक्षियों की हो रही है सेवा
राजस्थान बिश्नोई समाचार जोधपुर,1 सितम्बर। जिले के ग्राम खेजड़ली में श्रीमाता अमृतादेवी पर्यावरण एवं जीवरक्षा संस्था द्वारा घायल वन्यजीवों की चिकित्सा एवं सेवा के लिए रेस्क्यू सेंटर का संचालन वन विभाग के निर्देशन एवं जनसहयोग से किया जा रहा है ।उक्त सेंटर के उद्यान में संस्था के संरक्षक सुनिल खोखर ने आज अनंत चतुर्दशी के दिन एक छायादार पौधा लगाकर वृक्षारोपण अभियान का श्रीगणेश किया । अध्यक्ष घेवरराम गोदारा,वरिष्ठ उपाध्यक्ष महंत शंकरदासजी महाराज ,उपाध्यक्ष श्रवण कुमार भादू,महासचिव श्याम सुंदर जालेली, सचिव विष्णु भादू, कोषाध्यक्ष रामस्वरूप खावा, सदस्य रमेश बुड़िया,अशोक गोदारा,मालाराम बेनीवाल, दिनेश तथा अशोकानंद महाराज सहित उपस्थित पर्यावरण प्रेमियों ने 21 पौधे लगाए ।
संस्था के महासचिव श्यामसुंदर बिश्नोई जालेली ने बताया कि गत वर्ष 15 मार्च 2019 को उक्त रेस्क्यू सेंटर शुरु किया गया था । भामाशाहों के आर्थिक सहयोग से वन्यजीवों के ईलाज हेतु दवाइयां,उनके लिए छाया,पानी,चारा ,पक्षियों के लिए चुग्गा आदि की व्यवस्था की जा रही है । वन विभाग के कर्मचारी भी पूरा सहयोग व समय देते हैं । बड़े अधिकारी मार्गदर्शन देते हैं । स्वस्थ होने वाले वन्यजीवों को वापस जंगल में छोड़ दिया जाता है । वर्तमान में घायल,अपंग व कमजोर 57 वन्यजीवों का पालन पोषण किया जा किया जा रहा है । राष्ट्रीय पक्षी मोर,राज्य पशु चिंकारा
हिरण,कृष्णमृग,खरगोश सहित जो भी मूक प्राणी घायल,कमजोर,अनाथ या बीमार आते हैं उनका ईलाज सरकारी चिकित्सक को बुलाकर करवाया जाता है और प्राइवेट चिकित्सक बुलाते हैं तो उनकी फीस का भुगतान संस्था द्वारा किया जाता है । संस्था का एक कर्मचारी हरवक्त वन्यजीवों की सेवा में तत्पर रहता है ।
वन्यजीवों को प्राकृतिक वातावरण उपलब्ध कराने के लिए रैस्क्यू सेंटर की भूमि पर ही छायादार पौधे लगाने का काम चालू है । चारा स्टॉक के लिए बड़ा हॉल भी भामाशाहों द्वारा बनाया जा चुका है । उनहोने बताया कि पेड़ों के लिए आज से 290 वर्ष पहले अपने प्राण न्यौछावर करने वाले 363 शहीदों ने हमें प्रकृति बचाने का महान संदेश दिया था उनकी शहीद स्थली खेजड़ली की भूमि पर वन्यजीव व पौधारोपण के संतुलन को कायम रखना हम सबका कर्तव्य बनता है ।इसी मिशन को साकार करने के लिए उनकी संस्था की टीम प्रयासरत है ।
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