केंद्र व राज्य सरकार से शहीदों की कुर्बानी को पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग
अबोहर: अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के तत्वाधान में अखिल भारतीय बिश्नोई युवा संगठन द्वारा 363 शहीदों की स्मृति में शहीदी दिवस पर हवन यज्ञ का आज धोरा मेहरजपुर में शहीद माता अमृता देवी बिश्नोई पर्यावरण जागरुकता पार्क में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि शहीद स्मारक समिति के अध्यक्ष कुलदीप पूनिया, जबकि स्वामी केशवानंद साहित्य सदन अबोहर के प्रभारी डॉ संदीप वॉट्स ने विशिष्ट अतिथि व मुख्य वक्ता रूप में भाग लिया। हवन में महंत मनोहर दास ने 120 शब्दों का पाठकर हवनयज्ञ में आहूतियां डाल कर 363 शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई।
मुख्यवक्ता व मुख्यातिथि ने 363 शहीदों के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जीवों व पेड़ों की रक्षा के लिए बिश्रोई समाज के लोगों ने अपना जीवन कुर्बान कर दिया था। हमें इन शहीदों से शिक्षा लेकर अपने पर्यावरण व वन्य जीवों की सुरक्षा करने का प्रण लेना चाहिए। पेड़ों व वन्य जीवों के बिना हमारा जीवन मुश्किल हो जायेगा और पर्यावरण संतुलन बिगड़ जायेगा। कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण को संवारने में दे रही नवमित्रा सेवा समिति व मुख्य यजमानों को सम्मानित किया गया।
इस मौके पर सम्बोध नकरते हुए राजीव गोदारा ने सरकार से मांग रखी कि 21 सितंबर को राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस घोषित किया जाये। केंद्र व राज्य सरकारें 363 शहीदों को पाठ्य सामग्री शामिल किया जाये। माता अमृतादेवी पुरस्कार के नाम पर सभी जीव प्रेमियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाए।
श्री गोदारा ने बताया कि आज के दिन पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र तेलंगाना, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजारात, दिल्ली, हरियाणा में बिश्रोई बाहुल्य क्षेत्रों में अखिल भारतीय बिश्रोई सभा ने शहीदों की याद में हवनयज्ञ कर अपनी मांगों को सरकार के समक्ष रखा। श्री गोदारा ने कहा कि इस दौरान कोविड-19 के तहत प्रशासन द्वारा दी गई हिदायतों का पूरी तरह से पालन किया गया।
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