बिश्नोई समाचार दुबाई खेजड़ी के फ़लों (खोखों) से 1500 बीज निकाले। कल भी 1500 बीज निकाले थे। इस वर्ष 15000 बीज निकालने का लक्ष्य है, ताकि खेजड़ी की पौध लगाई जा सके और बांटी जा सके। बीज भी बांटे जा सकते है।
खेजड़ी को अरबी में घाफ कहते है और यह यहां संयुक्त अरब एमिरात का राष्ट्रीय पेड़ है। खेजड़ी राजस्थान का राज्य वृक्ष है। इसे दक्षिण भारत मे शमी कहा जाता है और तेलंगाना का राज्य वृक्ष है। इसे पंजाबी में जंड, जंडी और हरयाणा में जांटी कहते है।इसे वणी भी कहा जाता है। इसके हरे फलों को सांगरी कहते है, जिसकी बहुत ही स्वादिष्ट सब्जी बनती है।
मैं "हरी खेजड़ी" अभियान के अंतर्गत इसका प्रचार प्रसार और पौधारोपण करता हूँ। एक पेड़ असंख्य जीवों को निवास, शरण और भोजन देता है, जमीन के ऊपर भी और जमीन के नीचे भी। पेड़ लगाने से बहुत पुण्य मिलता है और जीव दया का धर्म भी पालन हो जाता है।
आर के बिश्नोई राजस्थान में श्रीगंगानगर के निवासी है ओर वर्तमान में ईंंजि. के पोस्टर पर दुबई में है समाज सेवा में एक नाम ईनका भी है। ओर पार्यावरण प्रेमी है
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