कुलदीप बिश्नोई को "बिश्नोई रत्न" की उपाधि से सम्मानित

बीकानेर बिश्नोई समाचार मुकाम स्थित अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के कार्यालय में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई को समाज विकास में दिए गए योगदान पर बिश्नोई रत्न की उपाधि से अलंकृत किया गया। महासभा अध्यक्ष हीराराम भंवाल की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में स्वामी रामांनद आचार्य मुकाम पीठाधीश्वर, विधायक पब्बाराम बिश्नोई, दूड़ाराम, बिहारीलाल, पूर्व सांसद जसवंतसिंह, पूर्व मंत्री लाधुराम बिश्नोई, पूर्व विधायक रेणूका बिश्नोई, अम सिंह खोखर सहित अखित भारतीय बिश्नोई महासभा की समस्त कार्यकारिणी, सामाजिक संस्थाओं के पदाधिकारी,  महासभा के विभिन्न प्रांतों से आए हुए सदस्य उपस्थित हुए।

1987 में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजनलाल को इसी उपाधि से अलंकृत किया गया था। उनके बाद कुलदीप बिश्नोई को बिश्नोई रत्न की उपाधि से नवाजा गया है।  कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि जब पत्र के माध्यम से मुझे पता चला कि अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा समाज का सर्वोच्च सम्मान देना चाहती है तो वह क्षण मेरे लिए भावुकतापूर्ण था। इसीलिए मैंने महासभा से आग्रह किया था कि मुझे यह सम्मान नहीं चाहिए। समाज के लिए जो भी बन पड़ेगा मैं हमेशा करता रहूंगा।

उसके बाद समाज के अनेक गणमान्य लोगों ने फोन के माध्यम से, सोशल मीडिया के माध्यम से, पत्रों के माध्यम से अपनी बात पहुंचाकर मुझसे कहा कि मुझे यह सम्मान ग्रहण करना चाहिए। 1987 में पिताजी जी को 59-60 वर्ष की आयु में 'बिश्नोई रत्न की उपाधि दी थी और आज 52 वर्ष की आयु में मुझे इस सम्मान को ग्रहण करते हुए समाज पर गर्व महसूस हो रहा है।

कार्यक्रम में अखिल भारतीय विश्नोई महासभा के सचिव देवेंद्र बूड़िया, सोमप्रकाश सिगड़, रामस्वरूप मांझू, सहदेव कालीराणा, राजाराम धारणिया, विनोद धारणिया, रामस्वरूप धारणिया, भगवानाराम मांझू, हुकामराम खीचड़, गंगाबिश्र भादू,  उद्योगपति पतराम लोमरोड़ ,दिल्ली महासभा प्रधान हनुमानसिंह, राणाराम नैण, भागीरथ तेतरवाल, बनवारी लाल भादू, रामनिवास बुधनगर, जगदीश कड़वासरा, सुभाष देहडू, मांगीलाल लेगा, महीराम बेनीवाल,आदि उपस्थित थे।

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