बिश्नोई समाचार बाङमेर धोरीमन्ना इंसान कभी भी अपनी जान की परवाह नहीं करते हुए निस्वार्थ भाव से परोपकारी बन करके सरोकार के कार्य करने में आगे बढ़ जाता है, क्योंकि यह स्वभाविक है ।इस सृष्टि में एक इंसान ही ऐसा जीव है, जो दूसरों की भलाई व सेवा करने के लिए सक्षम व सफल है, क्योंकि वो इस सांसारिक जीवन से जुड़े हर भौतिक संसाधनों से परिचित व उपयोग लेता है तो ऐसे पुण्य के कार्य करने वाले हर इंसान को लगभग सफलता ही मिलती है।ऐसे मे वर्तमान समय आधुनिकता के दौर से आगे बढ रहा है निरन्तर हर रोज नये नये आयाम स्थापित हो रहा है। वही आधुनिकता के दौर मे लोग अपने जन्म दिवस पर पार्टी देना, फिजूल खर्चे करना यह संभाविक बन गया है ऐसे मे धौरीमन्ना उपखण्ड के छोटे से कस्बे कुम्हारों की बेरी गाव के भीखाराम गोदारा ने अपनी शादी की दसवीं सालगिरह पर अनोखी पेशकश की है। गौरतलब है कि भीखाराम गोदारा पर्यावरण प्रेमी व समाजसेवी व्यक्ति है।लगातार लोगो को सामाजिक हितों की रक्षा करने के साथ साथ नैतिकता की और ज्यादा जोर देते है उन्होने बताया कि अपनी शादी की दसवीं वर्षगाँठ पर केक काटने व पार्टी करने के बजाय फिजूल खर्ची को नही किया है। जबकि उसी खर्चे से बेजुबान गायो को लड्डू, रोटी व गुड खिला कर शादी की सालगिरह मनाई। ऐसे से बेजुबान प्राणी की सेवा कर शादी की सालगिरह मनाना अपना आप मे अनोखा उदाहरण है।
वन्य जीवो के प्रति हमेशा लगाव भीखाराम गोदारा हमेशा से वन्यजीवों के प्रति हमेशा सेवा के भाव से आगे रहे हैं वही लोगों को वन्यजीवों की रक्षा करने व पर्यावरण संरक्षण को लेकर निरन्तर सोशल मीडिया पर लोगों को जागृत कर रहे हैं।उनकी पत्नी श्रीमती शायरीदेवी ने भी पक्षियों के लिए परिडे लगाये।
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