नागौर जिले के पर्यावरण प्रेमियों के लिए जबरदस्त खुशखबरी

 नागौर हवाई पट्टी के पास घोषित होगा "अमृता देवी बिश्नोई उद्यान"

 जिला कलेक्टर दिनेश यादव ने दिए निर्देश 

नगर परिषद विधिवत करेगी नामकरण की घोषणा

 वन महोत्सव के दौरान नाम का बोर्ड लगाना तय 

नागौर पत्रकार रामरतन बिश्नोई  47वें विश्व पर्यावरण दिवस पर जिला कलेक्टर दिनेश यादव ने सारी परिस्थितियां समझने ,1000 पेड़ों को देखने, उनकी उपेक्षा का एहसास करने, और उपस्थित जनसमूह की मांग को देखते हुए तुरंत निर्देश दिए हैं कि उक्त जगह को विधिवत नामकरण करके पेड़ बचाने का संदेश देने वाली महान वनदेवी वीरशहीद के नाम से " अमृता देवी बिश्नोई उद्यान"  विकसित किया जाएगा ,ताकि नागौर जिले की भावी पीढ़ी पेड़ बचाने का संकल्प कायम रख सके और यह उद्यान लोगों के आकर्षण का केंद्र भी बने ।
       नगर परिषद के आयुक्त  जोधाराम विश्नोई को मौके पर ही जिला कलेक्टर ने निर्देश दिए कि नियमानुसार कार्रवाई करके इस उद्यान को परिषद के कागजों में "अमृता देवी बिश्नोई उद्यान"  घोषित किया जावे ,कोई भी कार्रवाई की अपेक्षा जिला कलेक्टर कार्यालय से हो तो लिखित में कार्रवाई कर दी जावे । आयुक्त ने कहा कि यथाशीघ्र ही नगर परिषद की प्रशासनिक कमेटी से प्रस्ताव पारित करवाकर उद्यान को रिकॉर्डेड घोषित कर दिया जाएगा । मौके पर मौजूद उपवन संरक्षक ज्ञानचन्द मकवाणा ,मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुकुमार कश्यप ,सहायक वन संरक्षक सुनील गौड़, रेंजर हेमेन्द्र फिड़ौदा, पदमश्री हिम्मताराम भाम्भू ,श्री जंभेश्वर पर्यावरण एवं जीवरक्षा प्रदेश संस्था के प्रदेश अध्यक्ष रामरतन बिश्नोई ,  प्रदेश महिला मंत्री श्रीमती इन्दिरा बिश्नोई ,जिले के वरिष्ठ उपाध्यक्ष हरिराम धारणियां, जिला उपाध्यक्ष रामदीन सारण, दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवकरण डेलू, सदस्य रामेश्वर सारस्वत, एमडीएच उद्यान के संचालक भामाशाह सुरेश राठी, भारत स्काउट गाइड के सीईओ अशफाक पंवार सहित स्काउट गाइड की टीम तथा उपस्थित  शहर के गणमान्य नागरिकों ने जिला कलेक्टर का आभार जताया । सभी ने पूर्ण विश्वास दिलाया कि अब उद्यान को  जोरदार तरीके से संवारा जाएगा सुंदरता प्रदान करके शहर के लोगों के घूमने के लिए ट्रेक बनाकर सुंदर व्यवस्था की जाएगी।  साथ ही पेड़ों के लिए बलिदान देने वाले 363 शहीदों के नाम सहित शहीद अमृता देवी बिश्नोई का स्टेचू बनाने की योजना भी शुरू की जाएगी । उक्त कार्य में विशेष प्रयासों के लिए पदमश्री हिम्मताराम भाम्भू का भी आभार जताया गया । उपवन संरक्षक ज्ञानचन्द मकवाणा ने बताया कि इसी सप्ताह में "अमृता देवी बिश्नोई उद्यान" नाम का बोर्ड बना कर उक्त स्थान पर लगवा दिया जाएगा ।
 
      उल्लेखनीय है कि नागौर जिले के पर्यावरण प्रेमी और गत 25 वर्षों से जुगल जोड़ी के रूप में काम कर रहे पदमश्री हिम्मताराम भाम्भू और रामरतन बिश्नोई के संयुक्त समर्पित प्रयासों से नागौर हवाई पट्टी के पास सन 2011 में 1000  छायादार पेड़ लगवाए गए थे । तात्कालिक जिला कलेक्टर एस एस बिस्सा  , डीएफओ ज्ञानचन्द मकवाणा ने उक्त कार्य में जबरदस्त रुचि दिखाई थी । प्रदेश के तात्कालिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अन्य मंत्रीगण तथा प्रशासनिक बड़े अधिकारियों सहित वीआईपी लोगों ने यहां वृक्षारोपण किया था उनके नाम की पटिया लगी हुई पेड़ों  की 2 लंबी कतारें मौजूद है।
       दुर्भाग्यवश गत 10 वर्षों में उक्त वृक्षारोपण शहर की रौनक नहीं बन पाया मगर 1000 पेड़ आज भी खड़े हैं, जो पानी देखरेख ,सफाई व सेवा को तरस रहे हैं । गत शुक्रवार को उक्त सहस्र वन का नए सिरे से भाग्योदय तब हुआ जब विश्व पर्यावरण दिवस का वन महोत्सव यहां  रखा गया । उपवन संरक्षक ज्ञानचन्द मकवाणा ने अपनी पुरानी मेहनत को सफल करने के उद्देश्य से यह समारोह उक्त स्थान पर रखवाया था जिसका परिणाम आया कि अब यहां  रौनक बढ़ेगी ।

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