बिश्नोई समाचार बाड़मेर/जोधपुर। अब तक वन्यजीव का शिकार करने के लिए शिकारी वन्यजीव को दौड़ा – दौड़ा के मार दिया करते थे , लेकिन अब वन्यजीव की सुरक्षा और उसका संरक्षण करने का दावा करने वाले लोग ही इस वन्यजीवों की जान के दुश्मन बन गए है।ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसमे वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने एक जरख को 42 डिग्री तापमान के चलते भारी दोपहर में इतना दौड़ाना की भागते भागते जरख बेहोश हो गया और घायल जरख ने दम तोड़ दिया।घटना को लेकर वनरक्षकों में काफी रोष है।
जानकारी के अनुसार बाड़मेर जिले के मीठड़ा खुर्द ग्राम पंचायत के राजस्व गाव लखोलाईनाड़ी के एक रहवासी इलाके में एक जरख भोजन पानी की तलाश में आ गया था। ग्रामीणों ने इसकी सूचना तत्काल वन विभाग बाड़मेर को दे दी। सूचना पाकर क्षेत्रीय वन अधिकारी हीराराम सोलंकी , वनपाल नरेश कुमार , रामजीवन गोदारा, कैटल गाई रीड़मलदान चारण मय टीम मौके पर पहुँचे। लेकिन जरख वन विभाग की टीम को कच्चे झोपड़े से चकमा देकर भागने में कामयाब रहा।
इस पर विभाग की टीम ने भीषण गर्मी में ग्रामीणों की मदद से जरख का रेस्क्यू करने के लिए उसे घेरने की कोशिश की, लेकिन जरख रेस्क्यू टीम के हाथ नही लगा।बताया जाता है कि रेस्क्यू टीम के पास संसाधन नही होने के कारण जरख को गर्मी में इतना दौड़ाया गया कि वह खेजड़ी के एक पेड़ के नीचे बेहोश होकर गिर गया।रेस्क्यू टीम जब जरख को रस्सी से बांधकर रेस्क्यू सेंटर ला रही थी तब बीच रास्ते ही जरख ने दम तोड़ दिया। बाद में चिकित्सकों की टीम ने जरख की मृत्यु गर्मी व पानी की कमी होना बताया गया है। वह विभाग की लापरवाही से जरख की मृत्यु को लेकर वन्यजीव रक्षको में भारी रोष है।
इनका कहना है:
विभाग को जरख की सूचना मिली थी । तब टीम मौके पर पहुँची। जरख टीम को चकमा देकर भाग खड़ा हुआ बाद मे काफी मशक्कत के बाद जरख को रेस्क्यू कर लिया गया।टीम ने रेस्क्यू मे कोई तरह की लापरवाही नही की।ऐसी शिकायत हुई तो कार्रवाई की जाएगी।
प्रियजन,मुख्य वन संरक्षक, जोधपुर(राज)
वन्यजीव प्रेमीयो मे भारी रोष
बाङमेर वन विभाग मे जरख के मौत की खबर मिली है।यह काफी दुखद बात है कि संसाधन की कमी के चलते वन्यजीवों का सही ढंग से रेस्क्यू नही किया जा रहा है।जरख की मौत ने विभाग के कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खङा कर दिया है।सरकार को इसकी निष्पक्ष जांच करवानी चाहिए।वन्यजीवो की मौत बर्दाश्त नही किया जाएगा।
रामपाल भवाद,सुप्रीमो बीटीएफ जोधपुर(राज)
विभाग ने कोताही बरतते हुए जरख का रेस्क्यू किया।अगर प्लानिंग के साथ रेस्क्यू होता तो जरख की जान नही जाती उसे बचाया जा सकता था।राज्य सरकार को पूरा मामला गंभीरता के साथ लेना होगा।ओर लापरवाह कर्मचारीयो के खिलाफ विभाग स्तर पर जांच होनी चाहिए।अगर यूं ही वन्यजीव मरते गए तो ऐसे दुर्लभ जीव गायब ही हो जायेगे।
चमनसिंह चौहान
प्रदेशाध्यक्ष वाइल्ड एनिमल रेस्क्यू सेंटर(राज)
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