बिश्नोई समाचार राजस्थान हनुमानगढ़ टाउन के थानाधिकारी श्री विष्णुदत्त बिश्नोई जिन्होंने सही मायने में एक रक्षक के रूप में जनमानस में अपनी छवि बनाई है....आज ऐसी काबिलेतारीफ शख्सियत के बारे में कुछ बाते है......
1976 में रायसिंहनगर के एक छोटे-से गाँव लुनेवाला के एक मध्यम खेती की पृष्ठभूमि वाले परिवार में जन्मे विष्णु आपके चाचा श्री सुभाष बिश्नोई (Ret. ASP) की प्रेरणा से पुलिस अधिकारी बने..
आप पुराने विचारकों और दार्शनिको को पढने की रूचि रखतें थे और उनसे प्रेरणा भी लेतें थे....
खाने-पीने में विशेष परहेज रखने वाले और हररोज योग से अपने आप को तंदरुस्त रखने वाले श्री विष्णु अपनी बेहतरीन कार्यशैली से पब्लिक के पसंदीदा पुलिस अफसर बन गए...
1997 में जयपुर में पहली पोस्टिंग के साथ पुलिस में अपने करियर की शुरुआत की...
श्री विष्णु जहाँ भी जाते थे वहाँ थानों का कायाकल्प कर देतें थे ..... हनुमानगढ़ टाउन थाना में भी जनसहयोग से करीब 20 लाख की लागत से थाने का कायाकल्प किया....बीकानेर के शेरुना में तो मात्र 3 माह के कार्यकाल में टेन्ट में चल रहे थाने को 3 कमरे,ऑफिस और लेट-बाथ जनसहयोग से बनवा कर दिया..
नशाखोरी, सट्टेबाजी और गुंडागर्दी को काबू करना आपकी प्राथमिकता रहती थी.... चुरू में आपकी नियुक्ति के बाद से इन मामलों में बढ़े स्तर पर कमी आई है...
बदलाव की शुरुआत घर से ही करतें है यानि थाने में नियुक्त अन्य पुलिसकर्मियों को पहले दिन ही अपनी कार्यशैली से अवगत करवा देतें थे.....
शिकायतों के तत्पर समाधान के लिए कौशिश यही रहती थी कि पीड़ित को खुद सुने और न्याय दिलवाएं.... घरेलु प्रकृति के विवादों में मध्यस्तता कर समझाइश से सुलझाने की कौशिश करतें थे..
डूंगरगढ़ में सर्वाधिक समय लगभग ढाई साल तक अपने कार्यकाल के दौरान बहुत से सामाजिक हित के कार्य अपनी पहल से किए.....जिनमे से कुछ यहाँ साँझा कर रहा है.....
...आपने एक “पुलिस फ्रेंड क्लब” की स्थापना की जिसमे 10वीं, 11वीं और 12वीं के विधार्थी पुलिस से जुड़ कर शहर में अपराधों की सूचना सांझी कर उन्हें रोकने में मदद करते थे..... पुलिस में अपना करियर बनाना चाहने वाले विधार्थियों के लिए क्लासेज भी लगाई जाती थी.....
...स्थानीय व्यापारियों और नगरपालिका से सहयोग से शहर को पोलीथिन मुक्त करने और हेलमेट के उपयोग को बढ़ाने में सराहनीय कार्य किया..
....डूंगरगढ़ और छापर में CCTV कैमरा पुरे कस्बें में लगवाए....
...Police For You ...कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को थाना विजिट करवा कर और खुद स्कूल विजिट कर बच्चों में पुलिस की सकारात्मक छवि बनाई...जिसका उदाहरण एक बार दो छोटी बच्चियां शराबी बाप की शिकायत लेकर अकेले ही थाने में आ गई...
...हनुमानगढ़ में भी लॉ कॉलेज की छात्राओं की थाने विजिट के बाद एक बेटी द्वारा एक मनचले की शिकायत पर उसे थाने बुलाकर खिंचाई की और पाबन्द किया...बेटी ने बताया कि अब सुरक्षित महसूस करती हूँ....
नशे को अपराध की जड़ मानते थे इसलिए नशे को रोकने के लिए गंभीर रहतें थे...
हनुमानगढ़ में आप खुद रोज 3-4 घंटे गश्त लगाते थे.. चुंगी-6 जैसे नशे के अड्डों पर निरंतर पट्रोलिंग से नशेड़ियों का हौंसलापस्त रखतें थे...आपकी सख्ती के चलते होटल/ठेकों में खुलेआम दारू का चलन काबू हो गया था और झगडे-फसाद पर भी नियन्त्रण हुआ था....
आपके कुछ किस्से है जिन्हें लोग अक्सर याद करतें है....
....ऐसी ही एक घटना में डूंगरगढ़ में एक बस में BSF की सूचना पर एक व्यक्ति (जो कि सूरतगढ़ आर्मी में ऑडिटर था) की सीट के नीचे से 3 किलो हीरोइन बरामद की....मामला NDPS में दर्ज हुआ...दौराने जाँच पता चला कि यह व्यक्ति निर्दोष है....15 दिन में असली मुजरिम को पकड़ा और निर्दोष को बरी करवाया....
....सुजानगढ़ में मनीष हरिजन (आनंदपाल का साथी) को गिरफ्तार किया था...
...बिदासर में एक घटना में गोलीबारी के बाद राजू ठेठ के गैंग के 6 लोगों को हथियार सहित गिरफ्तार किया था....
बीकानेर पूर्व IG श्री दिनेश एम एन के पसंदीदा अफसर के रूप में भी आपकी पहचान है...
निजी जीवन में अपने दो बच्चों को बहुत अधिक समय नही दे सकने के कारण बच्चे अक्सर शिकायत करते है लेकिन स्कूल-क्लास-मौहल्ले में पापा के किस्सों की चर्चा से गर्व भी महसूस करतें थे......
आपके ट्रान्सफर को रुकवाने के लिए आम नागरिक कई बार एकत्रित हुए.... इसलिए आपको #ऑफिसर_ऑन_पब्लिक_डिजायर की उपमा भी दी जाती थी.... डूंगरगढ़ में एक कार्यक्रम में पुलिस अधिक्षक (सीकर) डॉ अमनदीप सिंह में अपने भाषण में कहा था कि ज्यादातर थानाधिकारियों के लिए स्थानीय विधायक डिजायर भेजतें है लेकिन विष्णु के लिए पब्लिक डिजायर भेजती है.... विष्णु ही पुलिस का सही चेहरा है....
गंगाशहर(बीकानेर) में भी एक हत्या के मामले में आपके निलंबन के विरुद्ध आमजन ने गंगाशहर बंद रखा...छापर में भी एक प्रभावशाली मामले में आपके ट्रान्सफर को रोकने के लिए लोग एकत्रित हुए थे....
आपकी लोकप्रियता इतनी थी कि जनसुनवाई में नेताओं से ज्यादा भीड़ उमड़ जाती थी.....बीकानेर में तो ऑटो, रिक्शा और चाय वालों ने आपकी फोटो लगा रखी है.....
हनुमानगढ़ में चुनाव के चलतें शहर में सामाजिक कार्यों में भाग लेने का अधिक समय नही मिल सका...फिर भी नशे, सट्टे और गुंडागर्दी के विरुद्ध सख्ती के चलतें आपने यहाँ भी लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाई है...पिछले कुछ दिनों से आपके ट्रान्सफर की चर्चा चल रही है
थी...लेकिन शहरवासी अभी आपकी विदाई नही चाहतें और इसलिए आज कुछ लोग शहर के तरफ से माननीय विधायक से भी मिले थे...जिसपर विधायक महोदय ने सकारात्मक आश्वासन दिया था....
कुछ महिने बाद 23 मई 2020 को सब खत्म हो जाता है
एक सौम्य वक्ता, निष्ठावान पुलिसकर्मी और एक न्यायप्रिय अफसर के लिए पब्लिक डिजायर करती है तो वह न्यायोचित ही लगती है..... #Salute..
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