बिश्नोई समाचार बाङमेर धोरीमन्ना- कोरोना वैश्विक महामारी के चलते लॉकडाउन है, लॉक डाउन है। जी हां, ऐसे समय में घरों में लोग तरह तरह घरेलू काम कर रहे हैं या फिर मोबाइल पर समय गुजार रहे हैं । इन सबके बीच राणासर कल्ला के विष्णु नगर निवासी इंजीनियर अशोक विश्नोई भी घर बैठकर देश व बेजुबानों के प्रति अपना फर्ज निभाने में जुटे हैं ।
वह रोजाना कोरोना वायरस के तख्तियों पर स्लोगन लिखकर सोशल मीडिया पर वायरल करके लोगों को जागरूक कर रहे हैं । लॉक डाउन है, लॉक डाउन है । घर में रहकर समय गुजारें, हाटें बंद बाजारें बंद, सन्नाटे में शहर व टाउन हैं, मंदिर,मस्जिद, चर्च न जाएं, कहीं नहीं चौपाल लगाएं,घर से बाहर न निकले,कोरोना कहर है प्रकति उगल रही जहर है गांवों से खरतनाक शहर है । लॉक डाउन है, लॉक डाउन है। यह कुछ पंक्तियां हैं । इसके अलावा घर पर बैठकर वेस्टेज पड़े प्लास्टिक के डिब्बे व माटी के बर्तनों से पानी के परिंडे तैयार करके पेड़ो पर लटकाकर पक्षियों के लिए पानी भरने का संकल्प ले रहे है एवं लोगो से अपील कर रहे है कि आप भी अपने खेतों में बेजुबानों के लिए परिंडे लगाओ । ज्ञात रहे कि इंजीनियर अशोक विश्नोई ने इससे पहले जाम्भाणी बालको की दिनचर्या नामक पांच सौ पुस्तके स्कूली छात्रों को भेट की थी । इंजीनियर ने कहा कि जितनी हो सके असहाय,बेसहारा लोगो व बेजुबान पशु पक्षियों मदद करनी चाहिए ।
वह रोजाना कोरोना वायरस के तख्तियों पर स्लोगन लिखकर सोशल मीडिया पर वायरल करके लोगों को जागरूक कर रहे हैं । लॉक डाउन है, लॉक डाउन है । घर में रहकर समय गुजारें, हाटें बंद बाजारें बंद, सन्नाटे में शहर व टाउन हैं, मंदिर,मस्जिद, चर्च न जाएं, कहीं नहीं चौपाल लगाएं,घर से बाहर न निकले,कोरोना कहर है प्रकति उगल रही जहर है गांवों से खरतनाक शहर है । लॉक डाउन है, लॉक डाउन है। यह कुछ पंक्तियां हैं । इसके अलावा घर पर बैठकर वेस्टेज पड़े प्लास्टिक के डिब्बे व माटी के बर्तनों से पानी के परिंडे तैयार करके पेड़ो पर लटकाकर पक्षियों के लिए पानी भरने का संकल्प ले रहे है एवं लोगो से अपील कर रहे है कि आप भी अपने खेतों में बेजुबानों के लिए परिंडे लगाओ । ज्ञात रहे कि इंजीनियर अशोक विश्नोई ने इससे पहले जाम्भाणी बालको की दिनचर्या नामक पांच सौ पुस्तके स्कूली छात्रों को भेट की थी । इंजीनियर ने कहा कि जितनी हो सके असहाय,बेसहारा लोगो व बेजुबान पशु पक्षियों मदद करनी चाहिए ।
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