जननी जने तो भक्त जने , का दाता का सूर नितर रहजे बाँझड़ी , मति गंवाजे नूर, कोरोना को अब हारना होगा


राजस्थान में COVID19 के राहत कोष हेतु राज्य में सबसे बड़ी व्यक्तिगत स्तर पर सहायता की घोषणा 

मारवाड़ के महामना, जन जन के ह्रदय सम्राट, देदीप्यमान नक्षत्र, मुक्त हस्त भामाँशॉह, बहुमुखी प्रतिभा के धनी, दृढ़ निश्चयी, सकारात्मक सोच व सामाजिक सरोकार से ओत प्रोत, DCC कम्पनी के चीफ़, हम सबके आदरणीय - देवेंद्र जीं बुड़िया द्वारा COVID19 से निपटने हेतु मुख्यमंत्री कोष में 25,51000₹(25 लाख 51 हज़ार रूपयें ) की सहायता की । 

इस अवसर पर मीडिया से बात करते हुए देवेंद्र बिशनोई ने बताया कि ईश्वर ने हमें इस योग्य बनाया हे तो हमारा भी राष्ट्र के प्रति यह कर्तव्य बनता हे कि आह्वान किए जाने पर लोगों की सेवा करें । 
मुख्यमंत्री जी के आह्वान पर मेने मेरी ओर से 25,51000 ₹ का छोटा सा योगदान दिया हैं आगे भी ज़रूरत पड़ी तो गरीब, बेसहारा ओर ज़रूरतमंद लोगों के खाने के लिए भोजन, मास्क, ओर अन्य ज़रूरी वस्तुओं को उपलब्ध करवाया जायेगा । 
गुरु जंबेश्वर भगवान ने अपनी शब्दवाणी में भी फ़रमाया हे कि थोड़े माई थोड़े रो दिज़े , होते ना नाहीं कीजे । इसलिए हमारा कर्त्तव्य बनता हे कि देश में विपति के इस समय हम अपना तन-मन-धन से योगदान दें ।
इस अवसर पर युवा नेता राणाराम नेण, यशपाल बुड़िया, सुनील बिशनोई, ज्ञानपाल पूनिया, कल्पेश खिलेरी, सूरजभान जी मोजुद् थे ।

देवेंद्र बिशनोई ने बिशनोई समाज के धर्मशालाओं ओर शिक्षा के लिए करोड़ों रूपयें का दान दिया हे । 
शिक्षा जगत की बिशनोई समाज की सबसे बड़ी संस्था समराथल फ़ाउंडेशन ओर BETI संस्था में भी प्रतिवर्ष सबसे अधिक लाखों रू का दान देते हे ।
समाज के लिए सबसे बड़े तीर्थस्थल मुक़ाम में सार्वजनिक पाकशाला का निर्माण ,जिसकी लागत 30 लाख रू से भी अधिक हे बुड़िया जी के द्वारा बनाकर दिया गया । बुड़िया जी प्रतिवर्ष जाम्भा स्थित कोशल गोशाला में लाखों रूपयों का हरा चारा गायों को चराते हे । अभी हाल ही में गायों के लिए तीस लाख रू की लागत से छाया की व्यवस्था की हे । 
बुड़िया जी को 2016 में राजस्थान संस्कृत अकादमी द्वारा " महाकवि माघ दानशील पुरस्कार " प्रदान किया गया । यह सम्मान पाने वाले बुड़िया जी पहले बिशनोई हे ।

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