1951 में ही बना लिया था गांव का मास्टर प्लान बिश्नोई ने , उसी हिसाब से लोहावट को बसाया

लोहावट के पहले सरपंच लूंबाराम बिश्नोई बने। वे 1951 में सरपंच बने। तब लोहावट बड़ी पंचायत थी, उसमें से अब 10 पंचायतें बन...

बिश्नोई समाचार जोधपुर लोहावट के पहले सरपंच लूंबाराम बिश्नोई बने। वे 1951 में सरपंच बने। तब लोहावट बड़ी पंचायत थी, उसमें से अब 10 पंचायतें बन गई। बिश्नोई आजादी के बाद जोधपुर जिले के प्रथम कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पद पर भी रहे। लोहावट रेलवे स्टेशन के सामने उन्होंने भवन बनाया, जिसमें किसान आंदोलन के वक्त किसान ठहरते थे। बलदेवराम मिर्धा पूर्व डीजीपी मारवाड़ स्टेट के प्रभाव व सान्निध्य में प्रभावित होकर स्वतंत्रता एवं किसान आंदोलन में शामिल होकर मारवाड़ किसान हितकारिणी महासभा के उपाध्यक्ष बने। सरपंच रहते हुए कांग्रेस पार्टी के सिंबल पर सांचौर विधानसभा क्षेत्र से 1953 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया लेकिन चुनाव से एक दिन पूर्व सामने वाले उम्मीदवार की मृत्यु हो गई, ऐसे में चुनाव स्थगित हो गया।

जयनारायण व्यास, बलदेव िमर्धा व मदेरणा के साथ किया संघर्ष

बिश्नोई को लोहावट के आधुनिक निर्माता भी कहा जाता है। दूरदर्शी एवं आधुनिक सोच ही थी कि उन्होंने राजस्थान का प्रथम गांव लोहावट का मास्टर प्लान बनाया। फिर उसी अनुसार गांव को बसाया। बिश्नोई ने तत्कालीन किसान नेता जयनारायण व्यास, बलदेवराम मिर्धा, मंगलसिंह कच्छावा, परसराम मदेरणा, पूनमचंद विश्नोई, रघुनाथराम बिश्नोई, खेतसिंह राठौड़ इत्यादि किसान नेताओं के साथ मिलकर मारवाड़ स्टेट के जोधपुर, नागौर, बाड़मेर, पाली, जालोर, सांचौर, जैसलमेर इत्यादि में घूम घूम कर सामंतशाही शासन का विरोध किया। किसानों को अपने अधिकारों के प्रति जागृति पैदा कर किसान आंदोलन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अब उनके परिवार से सत्यनारायण सरपंच पद के लिए मैदान में हैं। निवर्तमान सरपंच धन्नी देवी सत्यनारायण की प|ी है। लूंबाराम जयनारायण व्यास के समय में फलोदी क्षेत्र से असेंबली के सदस्य निर्वाचित हुए। 1975 को तत्कालीन रक्षा मंत्री स्वर्णसिंह ने नागरिक अभिनंदन में सम्मानित किया। 1942 में नेशनल फ्रंट वार मारवाड़ के डिस्ट्रिक्ट लीडर भी रहे। 

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