बिश्नोई सभा में वर्चस्व की लड़ाई : प्रधान के कार्यालय का तोड़ा ताला, नेम प्लेट हटाई

बिश्नोई सभा हिसार की आम सभा की रविवार को हुई बैठक, दिनभर चले हाई वोल्टेज ड्रामे और नए प्रधान की घोषणा के बाद सोमवार को बिश्नोई मंदिर में बने प्रधान के कार्यालय का ताला तोड़ दिया गया। यही नहीं, प्रधान प्रदीप बैनीवाल के नाम की नेम प्लेट भी हटा दी गई। मामले को लेकर सोमवार को प्रदीप बैनीवाल डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार, फर्म ऐंड सोसायटी के पास पहुंच गए और मामला दर्ज करवाया।
प्रदीप बैनीवाल ने कुलदीप बिश्नोई द्वारा नए प्रधान की घोषणा करने के कदम को राजनीति से प्रेरित, गैरकानूनी और सोसायटी एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन बताया। उन्होंने कहा कि मंदिर में बने उनके कार्यालय का ताला तोड़ने और नेम प्लेट हटाने को लेकर भी केस दर्ज करवाया जाएगा। मैं निर्वाचित प्रधान हूं और एक वैधानिक प्रक्रिया से सभा के आजीवन सदस्य उन्हें हटा सकते हैं, लेकिन ऐसा न करके कुलदीप बिश्नोई और उनके समर्थक जोर जबरदस्ती कर रहे हैं। समाज के अधिकांश आजीवन सदस्य नहीं चाहते कि मैं हटूं। वहीं, सभा के पूर्व प्रधान सुभाष देहडू ने कुलदीप बिश्नोई के फैसले को जायज बताया।

बिना चुनाव के प्रधान बनाना कानून का उल्लंघन
रजिस्ट्रार को दी गई अर्जी में उन्होंने कहा कि वह 2016 में बिश्नोई सभा हिसार के हुए चुनाव में उन्हें प्रधान चुना गया था। इसके बाद जुलाई 2019 में वे फिर से प्रधान निर्वाचित किए गए। 19 जनवरी 2020 को समाज के कार्यों की समीक्षा के लिए आम सभा की बैठक बुलाई गई, जिसमें विधायक कुलदीप बिश्नोई अपने समर्थकों के साथ आए और घोषणा कर दी कि सभा के 500 से अधिक सदस्यों के एफिडेविट उनके पास हैं, जो उन्हें हटाना चाहते हैं। इसके बाद उन्हें हटाने की घोषण करके वे बैठक से चले गए। इसके बाद शाम को पता चला कि कुलदीप बिश्नोई ने जगदीश कड़वासरा को प्रधान नियुक्त कर दिया है। कुलदीप बिश्नोई का यह कदम कानून और सोसायटी के एचआआरएस एक्ट 2012 के खिलाफ है। उन्हें हटाने की घोषणा और जगदीश कड़वासरा को प्रधान बनाना कानून के खिलाफ, आधारहीन और गलत है। यह निर्णय राजनीति से प्रेरित है और किसी अथॉरिटी से पास नहीं करवाया गया है, जो एचआरआरएस एक्ट 2012 का उल्लंघन है।
कुलदीप बिश्नोई को नहीं हटाने की पावर
बैठक में प्रधान को हटाने के लिए कोई एजेंडा नहीं रखा गया था। इस तरह के केस में प्रधान को हटाने के लिए बैठक बुलाई जाती है। इससे पहले प्रधान को इसका कारण बताते हुए नोटिस दिया जाता है, जिस पर प्रधान अपना पक्ष रखता है, लेकिन इस केस में ऐसा कुछ नहीं किया गया। बिश्नोई सभा के संविधान में प्रधान को हटाने के लिए संरक्षक कुलदीप बिश्नोई को कोई पावर नहीं दी गई है। उन्हें सिर्फ सम्मान देने के लिए यह पद दिया गया था।
मामला मेरे पास आ गया है, सभा के कमेंट मांगे गए हैं। जो भी कार्रवाई बनती है, वो एक्ट के अनुसार करेंगे। सभा का पिछला चुनाव भी हमारे रिकॉर्ड में नहीं है। सभा के सभी डॉक्यूमेंट चेक किए जाएंगे। इसके बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
- इतबार सिंह, डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रार, फर्म ऐंड सोसायटी
बिश्नोई सभा हिसार के पूर्व प्रधान सुभाष देहड़ु ने जगदीश कड़वासरा को बिश्नोई सभा हिसार का सर्वसम्मति से प्रधान निर्वाचित होने पर स्वागत किया है। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर जगदीश कड़वासरा समाज की उन्नति, एकता व आपसी भाईचारे की भावना को मजबूती देते हुए ईमानदारी एवं मेहनत से काम करेंगे। उन्होंने अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के संरक्षक कुलदीप बिश्नोई का आभार जताया कि सभा के सांविधानिक नियमों के तहत उन्होंने जो फैसला लिया है, उसका वे स्वागत करते हैं। देहडु ने कहा कुछ लोग बिश्नोई सभा की आड़ में राजनीतिक स्वार्थों की पूर्ति करने में लगे हुए हैं, जो निंदनीय है। इससे समाज के आपसी भाईचारे को ठेस पहुंचती है। बिश्नोई सभा हिसार कोई राजनीतिक संगठन नहीं है। सभा में बहुमत के आधार पर तथा संविधान के नियमों के अनुसार ही संगठन के निर्णय होते हैं। स्व. चौ. भजनलाल के बाद कुलदीप बिश्नोई ने हरियाणा ही नहीं, बल्कि राजस्थान, दिल्ली, पंजाब सहित पूरे देश के बिश्नोई समाज को एकता के सूत्र में पिरोकर समाज से जुड़े हर मुद्दे पर एक राय बनाकर श्रेष्ठ निर्णय लिए हैं, जिसका सभी ने स्वागत किया है।

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