नई दिल्ली. भारतीय अंडर19 टीम के लेग स्पिनर रवि बिशनोई (Ravi Bishnoi) को इस आईपीएल (IPL) में दो करोड़ रुपये में खरीदा गया था. हालांकि उनके लिए सब कुछ इतना आसान नहीं था. जोधपुर में अपने परिवार के साथ रहने वाले बिशनोई (Ravi Bishnoi) का क्रिकेट सफर खेलने से नहीं बल्कि एकेडमी बनाने से शुरू हुआ. क्रिकेट के लिए उनका प्यार आज उन्हें भारतीय टीम तक ले आया है. वह अंडर19 वर्ल्ड कप (ICC World Cup 2020) में टीम का हिस्सा हैं और अपनी गेंदबाजी से सभी को प्रभावित कर रहे हैं.
एकेडमी बनाने के लिए की मजदूरी
बचपन रवि (Ravi Bishnoi) अपने बड़े भाई के साथ हर रोज क्रिकेट खेला करते थे, लेकिन वह इस बात का भी ध्यान रखते थे कि अपने पिता के स्कूल से लौटने से पहले वह वापस आ जाएं. रवि के पिता सरकारी स्कूल में हेडमास्टर थे. रवि जैसे बच्चों के लिए जोधपुर में शाहरुख पठान और प्रद्योत सिंह नाम के दो दोस्तों ने एकेडमी खोलने का फैसला किया. उनके पास ऐसा करने के लिए बहुत ज्यादा पैसे नहीं थे, ऐसे में उन्होंने किसी तरह एकेडमी बनाने की शुरुआत की.
खर्च कम हो इसके लिए लोगों ने खुद ही मजदूरी का काम करना शुरू किया. रवि (Ravi Bishnoi) भी उन लोगों में शामिल थे जो कंधे पर सिमेंट का बैग लेकर एकेडमी पहुंचाते , पत्थर तोड़ते थे. उनकी मजदूरी करने से जो पैसे बचे उससे एक्सपर्ट्स को बुलाकर पिच तैयार की गई थी. रवि ने इसपीएन क्रिकइंफो को दिए इंटरव्यू में कहा, 'वह छह महीने मेरे लिए काफी मुश्किल थे, मैं काफी मेहनत करता था बिना यह जाने कि इसका कोई फायदा भी होगा या नहीं. एकेडमी तैयार हुई और वहां से मेरा क्रिकेट का असली सफर शुरू हुआ.'
कई बार नकारे जाने के बाद मिला मौका
हालांकि रवि (Ravi Bishnoi) को अपना सपना पूरा करने के लिए इंतजार करना पड़ा, क्योंकि वह पहले राजस्थान के अंडर16 और फिर अंडर 19 ट्रायल में जगह बनाने में नाकाम रहे. हालांकि अंडर 19 के लिए उन्होंने दूसरी बार ट्रायल दिया और इस बार वह कामयाब रहे. पिछले साल सितंबर में उन्होंने वीनू माकंड ट्रॉफी (Veenu Makand Trophy 2019) में राजस्थान की ओर से डेब्यू किया और फिर पलटकर नहीं देखा. इसके बाद उन्हें भारत की अंडर19 टीम में बुलाया गया और वह वर्ल्ड कप टीम का भी हिस्सा बन गए.
आईपीएल में लगी बड़ी बोली
वर्ल्ड कप में ग्रुप दौर में जापान के खिलाफ मुकाबले में उन्होंने पांच रन देकर चार विकेट हासिल किए और मैन ऑफ द मैच रहे. इसके बाद आईपीएल ऑक्शन में उनपर दो करोड़ रुपए कि बोली लगाई गई. शुरुआत में उनपर कोई बोली नहीं लगा रहा था लेकिन जैसे ही मुंबई इंडियंस ने बोली लगाई बाकी टीमें भी आगे आ गईं. अंत में किंग्स इलेवन पंजाब ने दो करोड़ रुपए में उन्हें अपनी टीम में शामिल किया.
एकेडमी बनाने के लिए की मजदूरी
बचपन रवि (Ravi Bishnoi) अपने बड़े भाई के साथ हर रोज क्रिकेट खेला करते थे, लेकिन वह इस बात का भी ध्यान रखते थे कि अपने पिता के स्कूल से लौटने से पहले वह वापस आ जाएं. रवि के पिता सरकारी स्कूल में हेडमास्टर थे. रवि जैसे बच्चों के लिए जोधपुर में शाहरुख पठान और प्रद्योत सिंह नाम के दो दोस्तों ने एकेडमी खोलने का फैसला किया. उनके पास ऐसा करने के लिए बहुत ज्यादा पैसे नहीं थे, ऐसे में उन्होंने किसी तरह एकेडमी बनाने की शुरुआत की.
खर्च कम हो इसके लिए लोगों ने खुद ही मजदूरी का काम करना शुरू किया. रवि (Ravi Bishnoi) भी उन लोगों में शामिल थे जो कंधे पर सिमेंट का बैग लेकर एकेडमी पहुंचाते , पत्थर तोड़ते थे. उनकी मजदूरी करने से जो पैसे बचे उससे एक्सपर्ट्स को बुलाकर पिच तैयार की गई थी. रवि ने इसपीएन क्रिकइंफो को दिए इंटरव्यू में कहा, 'वह छह महीने मेरे लिए काफी मुश्किल थे, मैं काफी मेहनत करता था बिना यह जाने कि इसका कोई फायदा भी होगा या नहीं. एकेडमी तैयार हुई और वहां से मेरा क्रिकेट का असली सफर शुरू हुआ.'
कई बार नकारे जाने के बाद मिला मौका
हालांकि रवि (Ravi Bishnoi) को अपना सपना पूरा करने के लिए इंतजार करना पड़ा, क्योंकि वह पहले राजस्थान के अंडर16 और फिर अंडर 19 ट्रायल में जगह बनाने में नाकाम रहे. हालांकि अंडर 19 के लिए उन्होंने दूसरी बार ट्रायल दिया और इस बार वह कामयाब रहे. पिछले साल सितंबर में उन्होंने वीनू माकंड ट्रॉफी (Veenu Makand Trophy 2019) में राजस्थान की ओर से डेब्यू किया और फिर पलटकर नहीं देखा. इसके बाद उन्हें भारत की अंडर19 टीम में बुलाया गया और वह वर्ल्ड कप टीम का भी हिस्सा बन गए.
आईपीएल में लगी बड़ी बोली
वर्ल्ड कप में ग्रुप दौर में जापान के खिलाफ मुकाबले में उन्होंने पांच रन देकर चार विकेट हासिल किए और मैन ऑफ द मैच रहे. इसके बाद आईपीएल ऑक्शन में उनपर दो करोड़ रुपए कि बोली लगाई गई. शुरुआत में उनपर कोई बोली नहीं लगा रहा था लेकिन जैसे ही मुंबई इंडियंस ने बोली लगाई बाकी टीमें भी आगे आ गईं. अंत में किंग्स इलेवन पंजाब ने दो करोड़ रुपए में उन्हें अपनी टीम में शामिल किया.
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