राजस्थान बिश्नोई समाचार बाङमेर भवरलाल भादू धोरीमन्ना उपखंड के खारी गांव मे बगते की बैरी भादूओ की ढाणी के पास आवारा कुतो ने हमला कर हिरण को घायल कर दिया। हिरण की आवाज सुनकर स्थानीय निवासी गणपत भादू ओर रामनरायण से आधा किलोमीटर तक पीछा कर कुतो के चंगुल से छुड़ाया।
वह घटना की सूचना मिठड़ा खुर्द निवासी वन्यजीव प्रेमी जुजाराम जाणी चौधरी को दी। वन्यजीव प्रेमी धोरीमन्ना रेस्क्यू सेन्टर जाकर घटना से अवगत कराया ओर वन्यजीव प्रेमी जुजाराम चौधरी ओर वन विभाग की रेस्क्यू टीम गाड़ी लेकर बगते की बैरी मौके पर पहुंचे वह गंभीर अवस्था मे घायल हिरण को धोरीमन्ना रेस्क्यू सेन्टर लेकर आये लेकिन उपचार के दौरान गंभीर रूप से घायल हिरण ने दम तोड़ दिया। तथा मृत हिरण का धोरीमन्ना पहाड़ के पास फोरेस्टर रिड़मलदान चारण वन्यजीव प्रेमी जुजाराम चौधरी, गणपतराम भादू ,रामनरायण विश्नोई, हनुमान खिचड़ की मौजूदगी रात्रि 9:00 बजे दाहं संस्कार किया गया।
आये दिन होते है हमले
धोरीमन्ना उपखंड के आस-पास क्षेत्र मे हिरणो की संख्या अधिक है यहा आये दिन हिरण वाहनो की चपेट मे वह आवारा कुतो के द्वारा या फिर शिकारियो के द्वारा घटना शिकार होकर यह प्रजाति लुप्त हो रही है
इनका कहना है
रेस्क्यू सेन्टर मे वाहन की कमी ओर ईलाज की उचित व्यवस्था नही होने के कारण ज्यादातर हिरण रेस्क्यू सेन्टर मे दम तोड़ देते है
वन्यजीव प्रेमी भंवरलाल विश्नोई मिठड़ा
वह घटना की सूचना मिठड़ा खुर्द निवासी वन्यजीव प्रेमी जुजाराम जाणी चौधरी को दी। वन्यजीव प्रेमी धोरीमन्ना रेस्क्यू सेन्टर जाकर घटना से अवगत कराया ओर वन्यजीव प्रेमी जुजाराम चौधरी ओर वन विभाग की रेस्क्यू टीम गाड़ी लेकर बगते की बैरी मौके पर पहुंचे वह गंभीर अवस्था मे घायल हिरण को धोरीमन्ना रेस्क्यू सेन्टर लेकर आये लेकिन उपचार के दौरान गंभीर रूप से घायल हिरण ने दम तोड़ दिया। तथा मृत हिरण का धोरीमन्ना पहाड़ के पास फोरेस्टर रिड़मलदान चारण वन्यजीव प्रेमी जुजाराम चौधरी, गणपतराम भादू ,रामनरायण विश्नोई, हनुमान खिचड़ की मौजूदगी रात्रि 9:00 बजे दाहं संस्कार किया गया।
आये दिन होते है हमले
धोरीमन्ना उपखंड के आस-पास क्षेत्र मे हिरणो की संख्या अधिक है यहा आये दिन हिरण वाहनो की चपेट मे वह आवारा कुतो के द्वारा या फिर शिकारियो के द्वारा घटना शिकार होकर यह प्रजाति लुप्त हो रही है
इनका कहना है
रेस्क्यू सेन्टर मे वाहन की कमी ओर ईलाज की उचित व्यवस्था नही होने के कारण ज्यादातर हिरण रेस्क्यू सेन्टर मे दम तोड़ देते है
वन्यजीव प्रेमी भंवरलाल विश्नोई मिठड़ा
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