राजस्थान बिश्नोई समाचार संदीप बिश्नोई गंगानगर क्षेत्र के जम्भेश्वर मन्दिर रावला मण्डी में पूज्य स्वामी भागीरथदास जी शास्त्री (जैसला )के सानिध्य में चल रही सप्तम दिवसीय श्री जम्भवाणी ज्ञान कथा के आज अंतिम दिन आयोजित विशाल मेले के अवसर पर युवा सन्त स्वामी रामाचार्य जी शास्त्री ने प्रवचन करते हुए कहा कि जरूरतमन्द, असहाय और निर्धन लोगो की सेवा ही भगवान की सच्ची पूजा है। इस मौके पर भामाशाहों के सहयोग से जरूरतमन्द लोगो को कम्बल भी वितरित किये गए।
इस दौरान जम्भेस्वर सेवक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामसिंह कस्वां , मन्दिर प्रधान रामस्वरूप विश्नोई , सरपंच माया , विकाश थालोड़ , जि.प.स. विष्णु भाम्भू , शिव कुमार , बद्रीजी पंवार , बाबूलाल जी हेमागुड़ा सहित हजारो की तादात में महिला , पुरुष उपस्थित थे।
सात दिनों की कथा में जम्भ चरित्र और गुरु जाम्भोजी की वाणी पर प्रकाश डाला गया ।
कथा में समाज की कथावाचिका डॉ मधु विश्नोई ने 29 नियमों का वर्णन करते हुए कहा की हमें मानव मात्र के प्रति दया भाव रखना चाहिये। क्यू की जिसके मन में जीवों के प्रति दया भाव होता है वही भगवान को सकता है।
आशीर्वचन के रूप में गुरुदेव स्वामी भागीरथदास जी शास्त्री ने नशा मुक्त समाज का आह्वान किया।
इस दौरान जम्भेस्वर सेवक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामसिंह कस्वां , मन्दिर प्रधान रामस्वरूप विश्नोई , सरपंच माया , विकाश थालोड़ , जि.प.स. विष्णु भाम्भू , शिव कुमार , बद्रीजी पंवार , बाबूलाल जी हेमागुड़ा सहित हजारो की तादात में महिला , पुरुष उपस्थित थे।
सात दिनों की कथा में जम्भ चरित्र और गुरु जाम्भोजी की वाणी पर प्रकाश डाला गया ।
कथा में समाज की कथावाचिका डॉ मधु विश्नोई ने 29 नियमों का वर्णन करते हुए कहा की हमें मानव मात्र के प्रति दया भाव रखना चाहिये। क्यू की जिसके मन में जीवों के प्रति दया भाव होता है वही भगवान को सकता है।
आशीर्वचन के रूप में गुरुदेव स्वामी भागीरथदास जी शास्त्री ने नशा मुक्त समाज का आह्वान किया।
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