राजस्थान बिश्नोई समाचार श्रीगंगानगर राकेश जांगु बिश्नोई मंदिर सूरतगढ़ में श्री गुरु जम्भवाणी जन जागृति मंच एवं बिश्नोई महासभा श्रीगंगानगर के सयुंक्त तत्वाधान में सबदवाणी एवं पर्यावरण संरक्षण पर संगोष्ठी आयोजित की गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता जम्भवाणी साहित्य अकादमी बीकानेर के उपाध्यक्ष डॉ. कृष्णलाल देहडू ने की । उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व पर्यावरण को लेकर चिंतित है व हम सभी को पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़ो की देखभाल करते हुए उनसे होने वाले लाभ का आमजन को अवश्य बताएं। रामगोपाल तरड़ ने कहा कि गुरु महाराज की वाणी के अनुसार हमे बहुदेववाद के स्थान पर निर्गुण , निराकार विष्णु की उपासना करनी चाहिए। उन्होंने शब्दों की व्याख्या करते हुए बताया कि जाम्भो जी ने कहा कि प्रकृति की रक्षा के लिए अपना जीवन कुर्बान कर देना चाहिए । संगोष्ठी में एडवोकेट रविंद्र सीगड़ ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए श्रीगुरु जाम्भोजी की सबदवाणी के अधिकाधिक प्रचार-प्रसार एवं पर्यावरण व जीवों के संरक्षण पर जोर देने की बात कही । हंसराज थोरी ने समाज में व्याप्त पाखण्ड , कुरीतियो , अंधविस्वास को त्यागने तथा वैज्ञानिक शिक्षा अपनाने की बात कहीं । बिश्नोई धर्म प्रचारक दलीप सिंवर ने कहा कि धर्म प्रचारकों को सबदवाणी के हिसाब से जागरण लगाने चाहिए व समाज के लोगों को इस बारे में अधिकाधिक जागरूक कर इसका अर्थ समझावें। रिटायर्ड थानेदार राधेश्याम सांवक ने कहा कि हम सभी को सबदवाणी का अनुसरण करते हुए इस में लिखी बातों को अपने दैनिक जीवन में लागू करनी चाहिए । एडवोकेट राजाराम थालोड ने बताया कि 24 दिसम्बर से 26 दिसम्बर तक बिश्नोई मंदिर श्रीगंगानगर में तीन दिवसीय सबदवाणी सत्संग और सम्मलेन आयोजित किया जायेगा। जिसमें शब्दों का भावार्थ स्थानीय भाषा में बताया जाएगा एवं सामाजिक कुरीतियां , अन्धविश्वास व भ्रांतियों को दूर करने और आमजन को वैज्ञानिक शिक्षा अपनाने हेतु प्रयास किया जाएगा । तथा गुरु जाम्भोजी के नियमों एवं कहे गए सबदो को विज्ञान के आधार समझाया जाएगा साथ ही श्रीगुरु जाम्भोजी के पर्यावरण संरक्षण संबंधी आदर्शों, उपदेशों की भी व्याख्या की जायेगी। आज इस अवसर पर विभिन सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की गयी व सामाजिक कुरीतियों को त्यागने और नशे से दूर रहने का संकल्प लिया गया । सगोष्ठी के पश्चात मंदिर परिसर में लगाये हुए पेड़ पौधों को पानी दिया व उनकी सार सम्भाल की गयी । धर्म प्रचारक दलीप सिंवर ने आरती का गायन किया । सगोष्ठी में बिश्नोई मंदिर सूरतगढ़ प्रधान भागीरथ कड़वासरा,धर्मपाल तरड़,हेतराम तरड़,रामदयाल तरड़,बलदेव बैनीवाल,प्रेमप्रकाश सहारण उपस्थित रहे।
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